Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________ // 11 // // 12 // // 13 // // 14 // // 15 // // 16 // पल्लसमा जोयणदससहस्सपिहला सहस्समोगाढा / चउसट्ठिसहस्सुच्चा फलिहमया पुक्खरिणीमज्झे सोलस दहिमुहगिरिणो अंजणदहिमुह नगोवरितलेसु / जोयणसयदीह तयद्धवित्थडा दुगसयरिमुच्चा बहुविविहरूवरूवगविचित्तविच्छित्तिभत्तिसयकलिया / पत्तेयं जिणभुवणतोरणझयमंगलाइजुया देवासुरनागसुवन्ननामगा नामसमसुरारक्खा / दारा सोलसऽऽद्दुच्चपिहुलपवसा य चउरो सिं पइदारं कलसाई मुहमंडवपिच्छमंडआखाडा / मणिपीढथूभपडिमा चिइतरु झयपुक्खरिणीओ य अट्ठच्चसोलसाययपिहला मणिपीढिया जिणहरंतो / . तदुवरि देवच्छंदा रयणमया साहियपमाणा तत्थुसभवद्धमाणयचंदाणणवारिसेणनामाणं / . सासयजिणपडिमाणं पलियंकनिसन्नमट्ठसयं . पइपडिम परा दो दो नागपडिमजक्खभूयकुंडधरा / दुहओ दो चमरधरा पिढे छत्तधरपडिमेगा तह घंटाचंदणघडभिंगाराऽऽयरिसपाइसुपइट्ठा / पुष्फाइणेगचंगेरिपडलछत्तासणाई इह इय सुत्तवुत्तमाएसओ दुपुक्खरणि अंतरे दो दो / रइकरगनगा बत्तीसमेसु पुव्वं व जिणभवणा वंदंतनमंतअभिथुणंतपूइंतइंतजंतेहि / खयरसुरेहिं अरहिया पुन्नतिहिमहामहिकरेहिं तह जोयणसहसुच्चा विक्खंभायाम सम दससहस्सा / झल्लरिनिभा रइकरा रयणमया विदिसि दीवंतो 205 // 17 // // 18 // // 19 // // 20 // // 21 // // 22 //

Page Navigation
1 ... 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366