Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 340
________________ // लध्वल्पबहुत्वप्रकरणम् // पपुदउ कमसो जीवा, जल वण विगला पणिदिआ चेव / दउपुपासुं पुढवी दउ सम तेऊ पुपासु कमा पूपउदासु वाऊ, सत्तण्ह जमुत्तरेण माणसरं / पच्छिम गोयमदीवो, अहगामा दाहिणे झुसिरं // 1 // // 2 // // 3 // . पू.आ.श्रीदेवेन्द्रसूरिविरचिता ॥सिद्धपञ्चाशिका // सिद्धं सिद्धत्थसुअं, नमिउं तिहुअणपयासयं वीरं / सिरिसिद्धपाहुडाओ, सिद्धसरूवं किमवि वुच्छं संतपयपरूवणया, दव्वपमाणं च खित्त फुसणा य / कालो य अंतरं तह, भावो अप्पाबहू दारा . // 2 // एहिँ अणंतरसिद्धा, परंपरा सनिकरिसजुत्तेहिं / तेहिं विआरणिज्जा, इमेसु पनरससु दारेसु खित्ते काले गइ वेअ, तित्थ लिंगे चरित्त बुद्धे य। नाणोगाहुक्कस्से, अंतरमणुसमयगणणअप्पबहू // 4 // खित्ति तिलोगे 1 काले, सिझंति अरेसु सु वि संहरणा / अवसप्पिणि ओसप्पिणि, दुतिअरगे जम्मु तिदुसु सिवं 2 // 5 // चउगइआगय नरगइ-ठिय सिव३ वेयतिग४ दुविहतित्थे वि 5 / ? गिहि-अन्न-सलिंगेसु अ 6, चरणे अहक्खाइ वटुंता // 6 // ति चउ पण पुव्वि तिचरण, जिणा 7 सयं बुद्धि-बुद्ध-पत्तेया 8 / दु-ति-चउनाणा 9 लहुतणु, दुहत्थ गुरु पणधणुसयाओ 10 // 7 // 331

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