Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 60 // // 61 // // 62 // / / 63 // // 64 // // 65 // संखेज्जमसंखेज्जे, भागे भागेसु सव्वलोए वा / पुच्छा वागरणं पि य; खेत्ते फुसणा य बीएणं .. जहिँ अट्ठसयं सिज्झइ, अट्ठ य समया णिरंतरं कालं / वीसदसएसु चउरो, सेसा सिझंति दो समए जंबुद्दीवे धायइ, ओह विभागे य तिसु विदेहेसु / वासपुहुत्तं अंतर, पुक्खर उभयं पि वासहियं जम्मउ भरहेरवएसु तिसुं अट्ठारकोडकोडुदही / साहरणि संखवासा, सेसेसु जहण्णओ समओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणि, जम्मतो उगुवीसकोडकोडुदही / दस साहरणे अहिया, वीस विसुद्धा विभागेणं जं सेसं पत्तेयंतरं तु ओघम्मि दुगदुगविसुद्धा / उभओ बहुतरउक्कोसयं तु समओ जहण्णेणं - ओसप्पिणी असंखा, साहरणुक्कस्स अंतरं होइ।। अइदुस्समाण दोण्ह वि, एक्को समओ जहण्णेणं . एगसमयं जहण्णं, वासा संखेज्ज सव्वगइसुं पि / साहियवासं वेमाणिएसु पडिया व जे जत्थ एगसमयं जहण्णं, संखा वासाण पुंसइत्थीसुं / पुरिसे वासं अहियं, अणंतरं तेसु एमेव पुव्वसहस्सपुहुत्तं, तित्थगर अणंतकाल तित्थगरी / णोतित्थगरा वासा-हिगं तु सेसा उ संखसमा एएसिं च जहण्णं, समओ तं चिय सलिंगमाईणं / वासहियं तु सलिंगे, परं तु सेसा उ संखसमा तिचरित्ते वासहियं, वंजिय छेयपरिहाररहिए य / अट्ठार कोडाकोडी, सेसा उक्कस्स सम इयरं // 66 // // 67 // // 68 // // 69 // // 70 // // 71 // 341

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