Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 16 // // 17 // // 18 // // 19 // दुहजुगलि तिरिअमणुआ, दुभवा भवणवणजोइकप्पदुगे / रयणप्पह भवणवणे, दुहदुभवअसनिपजतिरिओ पज्जसन्नितिरिनरेसु य; सहसारंता सुरा य छन्निरया / अडभव सत्तमनिरया, तिरिए छभव चउ पुन्नाऊ पज्जसन्निनरे छभवा, गेविज्जाण य चउक्कदेवा य / चउणुत्तरा चउभवा, दुजहन्न दुहा वि दु सव्वट्ठा भूजलवणेसु दु भवा, दुहा वि भवणवणजोइसदुकप्पा / अमियाउ तिरिनरे तह, मिह सनियरतिरिसन्निनरा भूजलपवणग्गी मिह, वणा भुवाइसु वणेसु य भुवाई। पूरंति असंखभवे, वणा वणेसु य अणंतभवे पण पुढवाइसु विगला, विगलेसु भुवाई विगलसंखभवे / गुरुआउतिभंगे पुण, भवट्ठ सव्वत्थ दुजहन्ना मिह सन्नियरतिरिनरा, विगलभुवाइसु य नरतिरिसु एए / अट्ठभवा चउभंगे, दुह पवणग्गिसु नरा दुभवा. परतब्भवाउ माणा, इह पहु संवेहओऽणुबंधठिई / कित्तिउ विनविउमलं, चउभंगिजहन्नुक्कोस कमा इह कायठिई भमिओ, सामिय तुह दंसणं विणा बहुसो / दिट्ठोसि संपयं ता, अकायपयसंपयं देसु // 20 // // 21 // // 22 // // 23 // // 24 // 311

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