Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 319
________________ // 4 // // 6 // asirsadhvips - - - // 8 // ओसप्पिणि सुहुमत्ते, असंखलोगप्पएससम ओहे / भमिओ तह पिहु सुहुमे, पुढवीजलजलणपवणवणे ओहेण बायरत्ते, तह बायरवणस्सईसु ता उ पुणो / अंगुलअसंखभागे, दोसड्ड परट्टय निगोए बायरपुढवीजलजलणपवणपत्तेयवणनिगोएसु। . सत्तरिकोडाकोडी, अयराणं नाह भमिओऽहं संखिज्जवाससहसे, बितिचउरिदिसु ओहओ अ तहा / पज्जत्तबायरेगिदिभूजलानिलपरित्तेसु , बायरपज्जत्तग्गिबितिचउरिदिसु संखदिणवासदिणमासा / संखिज्जवासअहिया, तसेसु दो सागरसहस्सा अयरसहस्सं अहियं, पणिदिसु तित्तीसअयर सुरनरए / सन्निसु तह पुरिसेसुं, अयरसयपुहुत्तमभहियं गब्भयतिरियनरेसु य, पल्लतिगं सत्तपुव्वकोडीओ। दसहियपलियसयं थीसु पुव्वकोडीपुहुत्तजुअं इत्थिनपुंसे समओ, जहन्नु अंतोमुत्त सेसेसु / अपज्जेसुक्कोसं पि य, पज्जसुहुमे थूलणंते वि। विनत्ता कायठिइ त्ति कालओ नाह जह भमिय पुव्वा / भवसंवेहेणिहिं, तु विनविस्सामि सामिपुरो .. परभवतब्भवआउं, लहुगुरुचउभंगि सन्निनरतिरिओ। नरयछगे उक्कोसं, इगंतरं भमइ अट्ठभवे भवणवणजोइकप्प-ट्ठगे वि इअ अडभवाउ दु जहन्ना / . सग सत्तमीइ तिरिओ, पण पुनाउसु य ति जहन्ना गेविज्जाण य चउगे, सग पणणूत्तरचउक्कि ति जहन्नं / पज्जनरो तिसव्वटे, दुहा दुभव तमतमाइ पुणो . // 10 // // 11 // // 12 // // 14 // // 15 // 310

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