Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 44 // // 45 // / / 46 // // 47 // // 48 // // 49 // लोगो पुरेसु गामेसु वा वि जं सव्वसंगहो एवं / होइ कओ संकलणा वि होइ पाणीसु एमेव . जाओ पुण सेसाओ कोडीओ तासु जाइं एआई / गंगाइआण सलिलाई तेसु दीवा य मायंति कालो य चक्किकालो अच्चंतसुहा दुमाइपउरो अ / ता थोवे वि विभागे सुहिया गामादओ हुंति अड्डाइज्जगुणत्ते नयरीओ जोअणाण छच्च सया / पणसयरीइ समहिआ ते पुण एवं मुणेयव्वा अड्डाइआण दुण्ह. वि अंकाणण्णुण्ण ताडणे हुंति / छज्जोयणा सकोसा नयरीपयरं गुणे तेहिं अट्ठधणूण सहस्सा आयामो वित्थरो य जं होइ / इकिकजोयणे ताडणम्मि तो दुण्हमंगाणं. छक्कोडीओ चालीसलक्ख धणुहाणमित्थ लब्भंति ! तो नयरजोअणगुणे गुणिए धणुहप्पमाणेणं सव्वाए नयरीए लद्धं एयं धणुप्पमाणेणं / . चउरो कोडिसहस्सा तिन्नि सया वीस कोडीओ पंचसया पंचगुणा धणुहाणं जेसि होइ गेहाणं / आयामवित्थरेसुं तेसिं गेहाण धणुगणिअं बासट्ठी खलु लक्खा पन्नासं चेव तह सहस्साई। एएण रासिणा पुरधणूण चउभागहीणाण इअ तिन्नि कोडिसहसा दो कोडिसया उ कोडिचालीसा / तेसिं पुव्वुत्तेणं भागम्मि रासिणा गहिए लद्धा पंचसहस्सा चउरासीअं सयं च तह एगं / इत्तिअ गिहाणि एअप्पमाणहीणाणि य बहूआणि 310 // 50 // // 51 // // 52 // // 54 // // 55 //

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