Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 335
________________ इंगालछारमुम्मुर-हाहाभूया तणाइरहिय मही। होहिंति बीयमित्तं,-वेयड्ढाइसु खगाई वि . // 56 // छ?अरे दुकरूच्चा, बीसं वरिसाउ मच्छयाहारा / बिलवासी कुगइगमा, कुवन्नरूवा नरा कूरा // 57 // विल्लज्जा निवसणा, खरवयणापियसुआइठिइरहिया / छवरिसगब्भा इत्थी, सुदुक्खपसवा बहुसुआ य . // 58 // बहुमच्छचक्कवहगंग-सिंधुपासेसु नव नव बिलाई। .. वेयड्ढोभयपासे, बिसयरि बहुरोगिनरठाणा 11त, बसपार बहुरागिनरठाणा // 59 // अग्गिमअराइमाणं, पुव्व अरंते इहं तु छटुंते / हत्थतणु सोलवरिसाउ, अन्नहुस्सप्पिणी नवरं . // 60 // पुक्खलखीरघयामय-रसमेहा वरिसिहंति पढमते / भूसीयलन्ननेहो-सहिरसया सत्तसत्तदिणे // 61 // बीए उ पुराइकरो, जाइसरो विमलवाहणसुदामो / संगमसुपास दत्तो, सुमुहो सम्मइ कुलगर त्ति // 62 // तइयाइसु उड्ढगई, जिणनारयबल दुहागई चक्की। अहरगइ हरिपडिहरी, चउत्थअरयाइसु अ जुअला // 63 // पउमाभसूरदेवो, सुपाससयंपभसव्वअणुभूई। देवसुअउदयपेढाल-पुट्टिलसयकितिसुवयऽममा // 64 // निकसायनिप्पुलयनिममचित्तगुत्ता समाहिसंवरिया / जसहरविजओ मल्लो, देवोऽणंतविरि भद्दकरो // 65 // सड्ढदुसय सहसा, पउणचुलसिया लक्खपणछचउपना-। समकोडिसहस, तेणूणपलिअचउभाग पलिअद्धं // 66 // पउणपलिऊण तिअयर, चउनवतीसचउपन्न इगकोडी। छव्वीससहस छ छावट्ठिलक्ख वासायरसऊणा // 67 // 329

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