Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 314
________________ // 344 // वेउव्विसमुग्घाओ, जाव उ कप्पोवगा भवे देवा / एक्केका य असंखे, विउव्वए पुरिसथीरूवे . // 343 // सायं सुहं महंतं, इड्डीऍ महिड्डिया भवे तिविहा / थोवा मज्झुक्कोसा, कप्पाईया य (उ) अहर्मिदा देवाणं देवीणं, च विभूसा कामभोगमाउं च / चयणं च सव्वजीवा, कप्पे कप्पे य उववाओ // 345 // सोहम्मे ईसाणे, नियमा देवाण अच्छराणं च / होइ विभूसा तणुई, सेसेसुवरि परायत्ता // 346 // दो कायप्पवियारा, कप्पा फरिसेण दोण्णि दो रूवे / सद्दे दो चउर मणे, उवरि पवियारणा नत्थि // 347 // दो साहि सत्त साही, दस चोद्दस सत्तरेव अयराई / सोहम्मा जा सुक्को, तदुवरि एक्केकमारोवे // 348 // पलियं अहियं दो सार साहिया सत्त दस य चोद्दस य / सत्तरस सहस्सारे, तदुवरि एक्केक्कमारोवे // 349 // एको व दो व तिण्णि व, संखमसंखा व एगसमएणं / देवा चयंति नियमा, उववाओं अओ परं वोच्छं // 350 // मिच्छा सासणदिट्ठी, सम्मंद्दिट्ठी य तिविह जीवा तु / अज्झवसायविसेसा, संघयणविसेसतो य गदी // 351 // सत्त वि सट्ठाणेहिं, पुढवीओ ऊसिया कहिँ पडंति / हेट्ठा दोण्हं दोण्हं, कप्पाणं पंच पुढवीओ // 352 // हेट्ठा गेविज्जाणं, पुढवी खलु सक्करप्पभा होइ / हेट्ठा अणुत्तराणं, पुढवी रयणप्पभा होइ // 353 // उवरि लोगंताओ, सत्त वि खलु लंबियाओं पुढवीओ। / उडुचंदविमाणाणं, एयम्मि उ अंतरे खुट्ट // 354 // 304

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