Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 13
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 299
________________ आणयपाणयकप्पे, चत्तारि सयाऽऽरणच्चुए. तिन्नि / सत्त विमाणसयाई, चउसु वि एएसु कप्पेसु // 163 // एक्कारसुत्तरं हेट्ठिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए / सयमेगं उवरिमए, पंचेव अणुत्तरविमाणा // 164 // मुहभूमिसमासद्ध, ओलंबगसंगुणं तु सव्वग्गं / वलए वलए य भवे, सुरणिलयाणं तु संखेवो || 165 // कप्पविमाणग्गाओ, सेढीबद्धे विसोहए सेसं / सयसयकप्पेसु भवे, पइण्णगाणं परीमाणं दो चेव सहस्साई, णव चेव सयाइं पण्णवीसाई। . आवलियासु विमाणा, सोहम्मीसाणकप्पेसु // 167 // अउणट्ठि सयसहस्सा, सत्ताणउई भवे सहस्साई / पण्णत्तरं विमाणा, हवंति पुप्फावकिण्णाणं // 168 // दो चेव सहस्साई, सयमेगं चेव होइ णायव्वं / आवलियासु विमाणा, सणंकुमारे य माहेंदे .. // 169 // दस णव य सयसहस्सा, सत्ताणउई भवे सहस्साई / णव य सया संपुण्णा, हवंति पुप्फावकिण्णाणं // 170 // अट्ठ सया चोत्तीसा, बंभे कप्पम्मि होंति आवलिया / लक्खतिगं णवणउयं, छावट्ठसयं पइण्णाणं // 171 // अउणापण्ण सहस्सा, पइणागाण चउरो य पण्णारा / पंच य पंचासीया, आवलिया लंतए कप्पे // 172 // तिण्णि सया छण्णउया, आवलिया खलु भवे महासुक्के / उणयालीस सहस्सा, छ च्च सय पइण्णगा चउरो // 173 // तिण्णि सया बत्तीसा, आवलिया खलु भवे सहस्सारे / छप्पण्णमट्ठसट्टा, पइण्णगाणं तु बोधव्वा // 174 // 290

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