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षड् द्रव्य विचार. (३०) व्यवहारे करी नित्या नित्यपणु जाणवू.
षद् द्रव्यमां जीव द्रव्यने पांच द्रव्य कारण रुप जाणवां. अने जीव द्रव्य अकारण जाणवू. जेमके जीवकर्ता अने तेने धर्मास्तिकाय कारण मळ्यु, तेवारे जीवने चालवा हालवा रुप कार्य थयुं तेमज जीवकर्ता अने तेने अधर्मास्तिकाय रुप कारण मळ्यु, तेवारे जीवने स्थिर रहेबा रुप कार्य नीपन्युं तेमज जीवकर्ता अने तेने आकाशास्तिकाय कारण मळ्युं तेवारे जीवने आवगाहना रुप कार्य बन्यु. तेमज जीवकर्ता अने तेने पुद्गलास्ति काय उपकारण मन्यु तेवारे जीवने समय समय अनंता कर्मरुप परमाणुआ लेवा खेस्वपारुप कार्य नीपज्यु तेमज जीव द्रव्यकर्ता