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अनादि अनंत छे.
हवे धर्मास्तिकायां चार गुण अने पांम खंध ते अनादि अनंत छे. अने अनादिसांत भांगो नथी. तेथी देश प्रदेश अगुरु लघु ते सादि सात भांगो छे. तथा सिद्धना जीव धर्मास्तिकायना जे प्रदेशे रह्या छे. ते प्रदेश आश्रीने सादि अनंत भांगो छे. एवीज रीते अधर्मास्तिकायमां पण चो भंगी जाणवी.
षड् द्रव्य विचार.
आकाश द्रव्यमां गुण तथा खंध अनादि अनंत छे. बीजो भांगो नथी. अने देश प्रदेश, तथा अगुरु लघु, सादि सांत छे. तथा सिद्धना जीवनी साथे जे संबंध ते सादि अनंत छे. पुद्गल द्रव्यमां गुण अनादि अनंत