Book Title: Shaddravya Vichar Part 1
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
View full book text
________________
र १७२ ) षड् द्रव्य विचार. ओने ज्ञाननो आधार छे. ज्ञाने करीने आस्मान स्वरुप यथातथ्य जणाय छे, माटे ज्ञाननो घणो अभ्यास करवो एज हिलकारी छे.
समकित सहीत ज्ञान दर्शन चारित्र ते मोक्षनु कारण छे, अने तेबु ज्ञान सहीत चारित्र न ग्रहण थइ शके. तोपण श्रेणीक राजानी पेरे सहहणा शुद्ध राखवी. जो सम. कित शुद्ध छे तो मोक्ष आसन्न छे का छे के दसण भठामहो दसण भठोइन च्छि निव्या
णं सिझंति चरण रहिया देसण रहिया न सिझंति ॥ १॥ वळी आगममां कयुं छे के जंसके तीकरइ अहवा नसकेई तहय सदहइ सदहमाणो जीवो पावइ अयरा मरंटाणं ।।

Page Navigation
1 ... 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196