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षड् द्रव्य विचार.
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सिंह जेम गोब्ी मारनार तरफ नहीं दोडतां गोली मारनार कोण छ, एम विचारी मारनार सामो दोडे छे. तेम सिंह जेवा पुरुषो दुःखना निमित्त कारण उपर द्रष्टि नही देतां ए दुःख थवार्नु मूख्य कारण कर्म छ. एम विचारी कर्म दूर करवाना ऊपायो शोधे छे. जो में माठां वा सारां कर्म कर्या हशे. तो ते प्रमाणे मारे शुभाशुभ विपाक भोगववा पडशे. तेमां बीजो जीव मारु भूई करवा वा सारं करवा समर्थ नथी. ए दुःख सर्व कर्मथी थाय छे, माटे सिंह पुरुषो कर्मनो नाश थाय तेम वर्ते छे. पण कोइ जीव ऊपर द्वेषभाव करता नथी.
मारा आत्माने जेम कर्म लाग्यां छे. ते