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षड् द्रव्य विचार.
आत्महित जाणवु. ... चित्रामनी मुर्तिने हिंसाना परीणाम थ. की फाडे तेने हिंसा लागे छे तेमज जीनवर ध्यान जिन प्रतिमा पूजतां लाभ थाय छे. ____ जेनुं नाम पण होय तथा आकार स्थापना गुण पण होय अने लक्षण पण होय पण आत्मानो उपयोग मळे नहीं तेने द्रव्य निक्षेपो जाणवो, अज्ञानी जीव ते जीव स्वरूपना उपयोग वीना द्रव्य जीव छे. अणुवऊ गोदव्वं इति अनुयोग द्वार वचनात् वळी. सयुं छे जे सिद्धांत वांचतां पुछतां पद अक्षर मात्रा शुद्ध अर्थ करे छे. अने गुरु मुखे सदहे छे ते पण शुद्ध निश्चय नये पोतानी सत्ता ओलख्या विना सर्व द्रव्य निक्षेपामां छे. जे भाव