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(११) पड दम्ब विचार. जी थाय. अने चिंतवे जे मारा जेनो कोण बळवान छे, के जे पारको माल खाय छे. चोरोने चोरी करवामां साहाय आपवाना परिणाम अने चोरी करनारनी प्रशंसारुप परिणाम ते अदत्तानुबंधीरौद्रध्यान कहीए.
४ घन, धान्य, खेत्र, वस्तु, आदि नव जातनो परिग्रह वधारवानी घणी तृष्णा होय. ने तेनी वृद्धिना ऊपायोनु चितवन, कुंटुंबना माटे गमे तेनु पाप करे. या वणो परिग्रहमळवाथी अहंकार करे, अने जगतने तृणवत् माने परिप्रद रक्षण करतानी चिंता ए आदि जे परिणामने परिग्रहानुबंधीरोद्रध्यान कहीए:
ए चार प्रकारना ध्यान थकी जीवन