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षड् द्रव्य विचार.
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नो छे, अने छए द्रव्यना पोत पोताना गुण पर्याय ते सर्व द्रव्यनो स्वभाव जाणवो, एटले धर्मास्तिकायमा पोतानाज द्रव्य, क्षेत्र, का ल, भाव छे, पण बीजा पांच द्रव्यना नधी, तथा अधर्मास्ति कामां पण पोतानाज स्वद्रव्य, क्षेत्रकाल, भाव छे, बीजा पांच द्रव्यना नथी. एमज आकाशास्ति कायने विषे आकाशनाज स्वद्रव्यादिक चार छे, पण बीजा पांच द्रव्यना नथी. तथा काल द्रव्यमां कालना स्वद्रव्यादिक चार छे, पण वीजा पांच द्रव्यना नथी. अने पुद्गल द्रव्यना स्वद्रव्या दि चार पुद्गल द्रव्यमां छे, वीजा पांचव्यना नथी. तथा जीव द्रव्यना स्वद्रव्यादि क चार जीव द्रव्यमां पण बीजा पांच द्रव्य