Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 3
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

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Page 469
________________ २१०४ शब्दरत्नमहोदधिः। [सिंहविक्रान्ती-सित सिंहविक्रान्ती स्त्री. (सिंहविक्रान्त+स्त्रियां जाति. ङीष्) | सिक्त त्रि. (सिच्+कर्मणि क्त) छोटेस, सीयेस. घो. सिक्थ न. (सिच्+थक् चस्य कत्वम्) भी५८, जी. सिंहविना स्री. (सिंह इव विना, विद्+क्त+टाप्) | सिक्थक पुं. (सिक्थ+संज्ञायां कन्) आणेदा यो માષપણ વનસ્પતિ. __ -ग्रासोद्गलितसिकथे(कथके)न का हानिः करिणो सिंहसंहनन त्रि. (सिंहस्येव संहननमङ्गमस्य) श्रेष्ठ ___भवेत्-सुभा० । योगा वगैरेनी आणियो. (न. सिक्थ+ અંગવાળું, સિંહના જેવા મજબૂત શરીરવાળું. स्वार्थे क) भी. सिंहसेन (पुं.) यौहमा हैनतीर्थ २ अनन्तनाथना पिता. सिक्य न. (सिक्+यत्) २६. सिंहान न. (सिधि-आनच्-पृषो.) सोनी मेल, 150 | सिङ्घाण, सिङ्घाणक न. (सिघि+आनक्/सिङ्घाण मे. ___ +स्वार्थे क) नानी भेट, सोढानो भेल.. सिंहावलोक पुं., सिंहावलोकन न. (सिंहस्य सिच् (तुदा. उभ. स. अनिट् सिञ्चति-ते) सीय.j, अवलोकनम्) सिंडनी ४ दृष्टि (सिं3 पाछु जाने. ७izg, भानु, ४२, ५ , -अथ वपुरभिषेक्तुं જોવું), કરવારૂપ એક ન્યાય, વસ્તુનો પૂર્વવર્તી અને तास्तदाम्भोभिरीषुः-शिशु० ७१७५। २७j - जाड्यं પરવર્તી સંબંધ બતાવવા માટે વ્યાખ્યા કરવા રૂપ धियो हरति सिञ्चति वाचि सत्यम्-भर्तृ० २।२३। न्याय. छोउनर ढj. नि+सिच-निसिञ्चति = छiej, सिंहासन न. (सिंहचिह्नितं आसनम्) सिंहासन, सिंडर्नु २७, मिश्र ४२. 'निषिञ्चन् माधवीमेतां लतां कौन्दी આસન, રાજાનું એક જાતનું આસન. च नर्तयन् ।' विक्रम० २।४। उद्+सिच्-उत्सिञ्चति सिंहासनस्थ, सिंहासनस्थित, सिंहासनासीन त्रि. =७i2j, गर्व ४२वी, Grus 3२वी, अभि+सिच्(सिंहासने तिष्ठति, स्था+क/सिंहासने स्थितः/सिंहासने अभिसिञ्चति = अमिषे ४२वी- अग्निवर्णमभिषिच्य आसीनः) सिंहासन. ५२. ४.. राघवः स्वे पदे-रघु० १९।१। आ+ सि=आसिञ्चति सिंहिका स्त्री. (सिंही+स्वार्थे कन्+टाप् हस्वः) श्य५नी એક પત્ની-રાહુગ્રહની માતા. -७i2j. -तप्तमासिञ्चयेत् तैलं वको श्रोत्रे च पार्थिवःसिंहिकातनय, सिंहिकातनुज, सिंहिकात्मज, मनु० ८।२७२। सिंहिकापुत्र, सिंहिकासूनु, सिंहीतनय, सिंहीतनुज, सिच् त्रि. न. (सिच्+क्विप्) सायना२, ७i2-२, वस्त्र, सिंहीतनूज, सिंहीपुत्र, सिंहीसुत, सिंहीसूनु ५९. (सिंहिकायाः तनयः/सिंहिकायाः तनुजः/सिंहिकाया: सिचय, सिञ्चय पुं. (सिचं सिञ्चनमेति, प्राप्नोति, आत्मजः/सिंहिकायाः पुत्रः/सिंहिकायाः सूनुः/सिंह्यां ___ इन्+अच्) वस्त्र, ४५, रूनुं वस्त्र.. तनयः/सिंह्यां तनु(नू)जः सिंह्यां पुत्रः/सिंह्यां सुतः। सिच्यमान त्रि. (सिच्+यक्+मान) सीयातुं, छातुं. सिंह्यां सूनुः) राडुगड. सिञ्चत्, सिञ्चमान त्रि. (सिञ्चतीति, सिच्+ शतृ। सिंही स्त्री. (हिनस्ति रोगान्, हिंस+अच्+ ङीप्) सिंड, __ सिञ्चतेऽसौ, सिञ्च्+शानच् मुमागमश्च) सीयतुं, मोशी , अ२७सी, रानी माता, 80. भा. छट. सिंहीलता स्त्री. (सिंह्या. लता) मोशए0.. सिञ्चिता स्त्री. (सिच्+इतच्-पृषो. टाप्) पी५२ भूज, सिक् (सौत्र. प. स. सेट-सेकति) सीयg, sizg. ___oistst. सिकता स्त्री. (सौ+अतच्-किच्च टाप) ३ती- लभेत | सिट (भ्वा. पर.-सेटति) मा १२वी, धृ॥ ४२वी, सिकतासु तैलमपि यत्नतः पीडयन्-भर्तृ० २।५।। ___षिट् धातु, मो. वेणु, ३ताहेश. सित न. (सितः शुक्लवर्णोऽस्यास्ति, अच्) ३', य६न, सिकतामय, सिकतावत्, सिकतिल त्रि. (सिकतात्मकं, सुपर, युवो. (पुं. सो+क्त) स.., शुबाड, धागो सिकता+मयट/सिकता+अस्त्यर्थे मतुप मस्य वः। २५ (त्रि.) घोगा गर्नु, धोमुं. (त्रि. सो+क्त) सिकता+सन्त्यस्य, इलच्) २ता प्रदेश वगेरे, સમાપ્ત થયેલ, પૂર્ણ થયેલ, બંધાયેલ, બેડીમાં રેતીવાળો કાંઠો વગેરે. 851ये.स., एस. For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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