Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 3
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

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Page 476
________________ २१११ दुव२. सीधुरस-सुकर्णक शब्दरत्नमहोदधिः। सीधुरस पुं. (सीधोरिव रस आस्वादोऽस्य) Hilk | सीरध्वज पुं. (सीरो हलः, तच्चिह्नितो ध्वजो यस्य) 53. ચન્દ્રવંશમાં ઉત્પન્ન થયેલ જનક રાજા. सीध्र (न.) गुहा, भाद्वा२.. सीलन्द (पुं.) .5 तनी ॥७el. सीप (पु.) नावना २यशपात्र... सीवन न. (सिव्+भावे ल्युट निपा. वा दीर्घः) सीवj. सीमन्, सीमा स्त्री. (नि+इमनि. पृषो. न गुणो दीर्घश्च/ सीवनी स्त्री. (सीवन+स्त्रियां ङीप्) सोय, लिंगमालिनी सीमन्+वा टाप्) मया, ६, सीमाडी- सीमान- | ____नायेनु, सूत्र... मत्यायतयोऽत्यजन्तः-शिशु० ३१५७। -सीमेव | सीस, सीसक, सीसपत्रक न. (सि+क्विप् पृषो. पद्मासनकौशलस्य-भट्टि० १।६। सीम, अवधि, स्थिति, सो+क-कर्म./सीस+संज्ञायां कन्) सी... क्षेत्र, संप-वृष९।- सीम्नि पुष्कलको हतः-सिद्धा० । सीहुण्ड पुं. (सिहुण्ड+ पृषो. दीर्घः) थोरनु काउ. पणियो, वा, मत. सु अव्य. (सु+डु) पू, सतिशय, 5ष्ट, अनुमति, सीमन्त पुं. (सीम्नः अन्तः शक०) सेंधा- सीमन्ते च स मेवा मथमा- सजीर्णमन्नं विचक्षणः सुतः त्वदुपगमजं यत्र नीपं वधूनाम्-मेघ० ६५। सेथी, ‘सुशासिता स्त्री नृपतिः सुसेवितः । सुदीर्घकालेऽपि એક પ્રકારની કેશરચના, છટ્ટે કે આઠમે મહિને કરવાનો न याति विक्रियाम्-हितो० ११२२ । समृद्धि, सनायास, એક ગર્ભસંસ્કાર, મુશ્કેલી એવા અર્થમાં તથા સહેલાઈ એવા અર્થમાં सीमन्तक न. (सीमन्ते कायति, के+क) सिन्दूर, मे. १५२।५ छ, मिथए। २. -यानि चैवाभिषूयन्ते વિશિષ્ટ નરકનો રહેનારો. पुष्पमूलफलैः शुभैः-मनु० ५।१०।। सीमन्तयति (नाम धा० पर०) वामाने भर २ सुकण्टका स्री. (सुष्ठु कण्टकोऽस्याः) में तनी भ90 50ढवी- सेनां सीमन्तयन्नरेः- कीर्ति० ५।४४। | सीमन्तित त्रि. (सीमन्त्+णिच्+क्त) 4. वगरे । सुकण्डु स्त्री. (सु+कण्डु+यक्-डु) ५२४ नो रो२५, ५२%j, विभाति, भागी Stadi सब ४२८- समीर | ने दी. यण सावे. छ ते. मे. रो. सीमन्तितकेतकीकाः (प्रदेशाः)-शिशु० ३८०। - सुकन्द पुं. (शोभनः कन्दोऽस्य) कशेरु श६ असो. रथाङ्ग सीमन्तित सान्द्रकर्दमान् (पथः)-किरा० ४।१८। (त्रि. शोभनः कन्दो यस्य) श्रेष्ठ उन्हवाणु, सा२। सीमन्तोत्रयन न. (सीमन्तस्य केशरचनाभेदस्य उन्नयनम् । 5न्६ भूगवा. उत्तोलनमत्र) ७४ 3 18. मरिन ४२वानी में सुकन्दिन् पुं. (शोभनः हितकरः कन्दोऽस्त्यस्य इनि) ગર્ભસંસ્કાર. सू२५. सीमन्तिनी स्त्री. (सीमन्त+अस्त्यर्थे इन्+ डीप) ४२05 सुकन्यका, सुकन्या (स्री.) शयति रानी न्या स्त्री.. -मा स्म सीमन्तिनी काचिज्जनयेत् पुत्रमीदृशम्- यवनषिनी पत्नी- शर्यातिानवो राजा ब्रह्मिष्ठः हितो० २७। संबभूव ह । सुकन्या नाम तस्यासीत् कन्या कमलसीमाविवाद पुं. (सीमायां विवादः) २१.०२. विवाह. लोचना ।। सुकन्या च्यवनं प्राप्य पतिं परमकोपनम् । પૈકી એક વિવાદ, સીમાડો-હદ વગેરે માટે વિવાદ, प्रीणयामास चित्तज्ञा अप्रमत्तानुवृत्तिभिः-भाग० ९।३। सीमिक पुं. (स्यमति शब्दायते इति, स्यमु-शब्दे +उणा. अ० । (शोभना कन्या) सारी न्या. किकन्) में सतर्नु, आ3. सुकर न. (सुखेन क्रियते, सु+कृ+अच्) साथी सीर पुं. (सि+रक्-पृषो. दीर्घः) सूर्य, 4053ld, 13, &0- 50 डायत, ४२वा २di पोसj स२५ छ. - सद्यः सीरोत्कषणसुरभि क्षेत्रमारुह्य-मालम् मेघ० । वक्तुं सुकरं कर्तुं (अध्यवसितुं) दुष्करम्-वेणी० सीरक पुं. (सीर+संज्ञायां कन्) शिशुमार &, मे. | सुकरा स्त्री. (सुखेन क्रियते दुह्यते वा, सु+कृ+खल्+टाप्) જાતનું માછલું. गरी आय, साथी. वश थाय तवी. २सया: सीरधारिन, सीरपाणि, सीरिन् पुं. (सीरं धारयति, | सुकर्णक पुं. (सुष्ठु कर्ण इव कन्दोऽस्य कप्) स्ति६ धृ+णिनि/सीरः हल: पणौ यस्य/सीरो हलोऽस्त्य- वनस्पति. (त्रि. सुष्ठु को यस्य कप) सारा बनवा, स्यायुधत्वेन इनि) अहेव. । श्रेष्ठ डानवा. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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