Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 3
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
View full book text ________________
शब्दरत्नमहोदधिः ।
स्थिरता-स्थूलनाल]
स्थिरता स्त्री, स्थिरत्व न. ( स्थिरस्य भावः तलू+टाप्त्व) स्थिरपशु, निश्चलप, अडगप. स्थिरदंष्ट्र पुं. ( स्थिरा दंष्ट्रा यस्य ) सर्प, विष्णुनो अवतार, वराह अवतार, अवा४, २७६. स्थिरदंष्ट्री स्त्री. (स्थिरदंष्ट्र + स्त्रियां जाति ङीष् ) साप. स्थिरपत्र पुं. (स्थिराणि पत्राणि यस्य) हिन्तास, वृक्ष. स्थिरपुष्प पुं. (स्थिरं पुष्पमस्य) यम्पानुं आउ, जोससरीनुं
313.
स्थिरपुष्पिन् पुं. (स्थिरपुष्प + इन्) तिस वृक्ष. स्थिरबुद्धि, स्थिरमति स्त्री. (स्थिरा बुद्धिः / स्थिरा चासौ
मतिश्च) स्थिर बुद्धि, संयद नहि तेवी बुद्धि- स्थिरमतिं सुमतिं कमनीयतां कुशलतां हि नृणामुपभोगिताम्कोष्ठीप्रदीपे । (त्रि. स्थिरा मतिर्यस्य) स्थिर बुद्धिवाणु स्थिरयौवन न. पुं. (स्थिरं यौवनम् ) स्थिर जेवुं यौवन. - स्थिरयांवनसम्पन्नां स्त्रियश्चोत्पलगन्धिका-मार्कण्डेये ६० |३ | ( त्रि. स्थिरं यौवनं यस्य) स्थिर यौवन વાળું-જેનું યૌવન સ્થિર હોય તેવી વિદ્યાધર વગેરે हेवभति.
स्थिररङ्ग, स्थिरराग त्रि. (स्थिर: रङ्गो यस्य / स्थिर : रागो यस्य) स्थिर रंगवा. स्थिररङ्गा स्त्री. (स्थिर: रङ्गो यस्याः ) गणी. स्थिररागा स्त्री. (स्थिरो रागो यस्याः ) ६८३९१६२. स्थिरसाधनक पुं. (स्थिरं साधर्यात, ल्युट् ततः स्वार्थे
क) नगोउनु आउ.
स्थिरसार पुं. (स्थिरः सारो यस्य) खेड भतनुं शा वृक्ष.
स्थिरा स्त्री. (स्था+किरच्+टाप्) शीमवानुं आउ, अडोली वनस्पति, शालपान वनस्पति, पृथ्वी. स्थिराङ्घ्रिप पुं. (स्थिरश्चासी अङ्घ्रिपश्च ) हिन्तास वृक्ष.
स्थिरायुस् पुं. (स्थिरं आयुर्यस्य) शीमजानुं आउ
(त्रि. स्थिरं आयुर्यस्य) स्थिर आयुष्यवाणुं. स्थुड् (तुदा. प. स. सेट् स्थुडति ) ढांडवु, वर, वीट. स्थूणा स्त्री. ( स्था+नक् ऊदन्तादेशः पृषो.) धरनो थांललो- स्थूणानिखनन्यायेन शारी० । जीसी, जूंटी -वृद्धोऽन्धः पतिरेष मञ्चकगतः स्थूणावशेषं गृहम् सा० द० ३ | १७२ । सोढानी प्रतिभा. स्थूम (पुं.) प्राश, चंद्र.
Jain Education International
स्थूर पुं. ( स्था+ऊरन्) जगह, सांढ, मनुष्य. स्थूरिन् पुं. (स्था + ऊरन्- किच्च स्थूरो वृषादिभारवाहको स्थूरोऽस्त्यस्य सादृश्येन इनि) (भार पेंयनार घोडो, ભાર ખેંચનાર ગધેડો-બળદ વગેરે.
स्थूल् (चु. उभ. अ. सेट् स्थूलयति - ते) वध, भडुं युं, व४नहार .
स्थूल, स्थूलक त्रि (स्थूल् + अच् / स्थूल् एव-स्वार्थे क) बटूट्ठ, भडु, भोटुं - बहुस्पृशाऽपि स्थूलेन स्थीयते बहिरश्मवत् - शिशु० २।७८ । पुष्ट, डू२. (न. स्थूल् + अच्) समूह, ढगलो, खेड प्रहारनो सांज तंजू (पुं.) पनसनुं झाड.
स्थूलक पुं. ( स्थूल + संज्ञायां कन्) खेड भतनुं घास. स्थूलकगु पुं. ( स्थूलश्चासौ कङ्गश्च) खेड भतनुं
धान्य.
२१५५
स्थूलकण त्रि. ( स्थूलाः कणाः यस्य) भोटा एवानुं, भोटा हाएशावा.
स्थूलकणा स्त्री. ( स्थूलाः कणाः यस्याः ) भोटुं रु. स्थूलकण्टक पुं. ( स्थूलः कण्टको यस्य ) खेड भतनो जावण.
स्थूलकण्टा स्त्री. ( स्थूलः कण्टः कण्टको यस्याः) लोरींगशी.
स्थूलकण्टिका (स्त्री.) शीमजानुं आउ. स्थूलकन्द पुं. (स्थूलश्चासौ कन्दश्च) बाल बसा, सूरा, हस्तिन्छ
स्थूलक्ष्वेड पुं. ( स्थूलः क्ष्वेडो यस्य) जाए. स्थूलचञ्चु पुं. ( स्थूला चञ्चुरिव शिखा यस्य ) खेड
भतनुं शाई. (त्रि. स्थूला चञ्चुर्यस्य) मोटी यांयवाणुं. स्थूलजिरक पुं. ( स्थूलश्चासौ जिरकश्च) खेड भतनुं
भरं.
स्थूलता स्त्री, स्थूलत्व न. ( स्थूलस्य भावः तल्+टाप्त्व) स्थूलपणुं, भाई, मोटाई. स्थूलताल पुं. ( स्थूलश्चासौ तालश्च ) हिंतास वृक्ष. स्थूलत्वचा स्त्री. ( स्थूला त्वचा यस्याः ) ४|श्मरी वनस्पति. स्थूलदण्ड पुं. ( स्थूलो दण्डो यस्य) हेवनस-खेड भतनुं
घास.
स्थूलदर्भ पुं. ( स्थूल+दर्भ +घञ्) भु४ घास. स्थूलदला स्त्री. (स्थूलानि दलानि यस्याः) भेड भतनी
झुंवार.
स्थूलनाल पुं. खेड भतनो ज३.
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562