Book Title: Samaysara Part 01 Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 38
________________ 21. आसि मम पुव्वमेदं एदस्स अहं पि आसि पुव्वं हि। होहिदि पुणो ममेदं एदस्स अहं पि होस्सामि॥ आसि मम पुव्वमेदं पहले यह इसका एदस्स अहं आसि पुव्वं (अस) भू 3/1 अक (अम्ह) 6/1 स [(पुव्वं)+ (एदं)] पुव्वं (अ) = पहले एदं (एद) 1/1 सवि (एद) 6/1 सवि (अम्ह) 1/1 स अव्यय (अस) भू 1/1 अक अव्यय अव्यय (हो) भवि 3/1 अक अव्यय [(मम)+ (एद)] मम (अम्ह) 6/1 स एदं (एद) 1/1 सवि (एद) 6/1 सवि (अम्ह) 1/1 स अव्यय (हो) भवि 1/1 अक पहले होहिदि पादपूरक होगा फिर ममेदं यह एदस्स इसका अहं होस्सामि होऊँगा अन्वय- पुव्वमेदं मम आसि पुव्वं हि अहं पि एदस्स आसि पुणो ममेदं होहिदि अहं पि एदस्स होस्सामि। अर्थ- पहले यह मेरा था (या) पहले मैं भी इसका था। फिर यह मेरा होगा (तथा) मैं भी इसका होऊँगा। समयसार (खण्ड-1)Page Navigation
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