Book Title: Samaysara Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 106
________________ aa विमुञ्च वियाण वोच्छ सद्दह आहु भण्णदे 3/1 मुस्सदि 3 / 1 मुस्सदे 3/1 वुच्चदि 3/1 वुच्चंत 3 / 2 कहना त्यागना जानना कहना विश्वास करना कहा कहते हैं कहा जाता है उच्चदि 3/1 उवदिस्सदि 3/1 कहा जाता है जुज्जदि 3 / 1 भादि 3 / 1 अनियमित क्रिया सकर्मक उपयुक्त माना जाता है। कहा जाता है कहा जाता है लूटा जाता है अनियमित कर्मवाच्य 47 7 29 लूटा जाता है समयसार (खण्ड- 1) कहा जाता है कहे जाते हैं 60 35 14 1 17 10 32, 36, 37, 45 238 0 4 $ 33 66 58 58 45 44 (99)

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