Book Title: Samaysara Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 122
________________ 45, 47, 48, 57, 60, 66 पादपूरक बिल्कुल किन्तु तथा 60,67 पुनरावृत्ति भाषा की पद्धति 65 53,54 4, 6, 7, 26, 50, 64 कुछ भी 17, 30, 35, 36, 38, 50, 51 इसलिए Vis *** L. Lest 1111. . F विना सदा सव्वत्थ बिना सदा सर्वत्र ०० 2, 9, 18 21, 62 पादपूरक क्योंकि निश्चय से निस्सन्देह हु ऐसा निश्चय ही परन्तु समयसार (खण्ड-1) (115)

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