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शुरूआत
सकारात्मक सोच जीवन में सफलता का मूल मंत्र है। व्यक्ति की सोच उसके रोजाना के क्रिया-कलाप, आचार-व्यवहार को सीधे प्रभावित करती है। सकारात्मक सोचने की शुरुआत मात्र आगे बढ़ने की दिशा में रखा गया ठोस कदम है। सकारात्मक सोच मनुष्य का मित्र है। जीवन के इस अमूल्य उपहार का लाभ क्यों न लिया जाए... इस सफलता के सागर की लहरों में क्यों न उतरा जाए। केवल सोचकर किनारे खड़े रहने वालों ने कभी सात समंदर पार जाकर अनुभवों की दुनिया नहीं देखी... आइये हम आपको ले चलते हैं एक ऐसी यात्रा पर जहाँ सिर्फ सफलता है, सिर्फ सफलता, और कुछ भी नहीं।
प्रश्न उठ सकता है, क्या अकेले ही होगी यह यात्रा ? हाँ, प्रत्येक को अपनी यात्रा की शुरुआत अकेले ही करनी पड़ती है, परन्तु यहाँ उस यात्रा में एक ‘प्रकाश-दीप' निरन्तर साथ चलेगा। यह रोशनी का पुंज है-महान् चिन्तक एवं दार्शनिक संत पूज्य श्री चन्द्रप्रभ ! स्वयं सकारात्मक सोच के मालिक श्री
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