Book Title: Sajjanshreeji Maharaj Abhinandan Granth Author(s): Shashiprabhashreeji Publisher: Jain Shwetambar Khartar Gacch Jaipur View full book textPage 7
________________ सेमर्पणसुमन जिनका जीवन कमल पत्र सम निर्लेप शुभ्र चन्द्रिका सा शुभ्र-शीतल संयम-समता-शुचिता का सम्पुट है, सेवा स्वाध्याय-सरलता ही जिनका पर्याय है, भक्ति-विनम्रता-मृदुता जिनकी पहचान है, ज्ञानयोगिनी, आगमज्योति, श्रमणीरत्न गुरुवर्या पूज्य प्रतिनी श्री सज्जनश्रीजी महाराज otherfects ofess दीक्षा पर्याय के अर्धशतक के शुभारम्भ पर सविनय-सभक्ति समर्पित विनेय -साध्वी शशिप्रभाश्री .-साध्वी प्रियदर्शनाश्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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