Book Title: Sahajanand Sudha
Author(s): Chandana Karani, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 9
________________ की भाँति संभाल कर रखने का प्रयत्न किया है । कुछ प्रवचन भी नोट किए जिन्हें 'कुशलनिर्देश' में निकाले एवं 'अनुभूति की आवाज, नामक एक अपूर्व कृति को भी उसी में धारावाहिक रूप में प्रकाशित किया जा रहा है । अवशिष्ट कृतियों के साथ-साथ प्रभु के जीवन वृत्त को बिस्तार पूर्वक मुमुक्षु जनता के समक्ष रखने की प्रबल भावना होते हुए भी जब अपनी अयोग्यता की ओर ध्यान देता हूँ तो लेखनी कुण्ठित हो जाती है, कहाँ वे सर्वोच्च महापुरुष और कहाँ मैं पामर प्राणी, फिर भी हम्पी से परमपूज्या आत्मज्ञानी योग - लब्ध-संपन्न महिमामयी माताजी के आशीर्वाद व प्रेरणा से इस ओर प्रवृत्ति हुई हैं। गुरुदेव के अनन्य भक्त पूज्य काकाजी शुभैराजजी, मेघराजजी व अगरचंदजी नाहटा की निरन्तर प्रेरणा से ही संग्रहगत कृतियों में से पद्य विभाग को "सहजानंदसुधा” के प्रथम भाग रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। मुख्य कार्य तो गुरुदेव के पावन जीवनचरित्र को विस्तार से प्रकाश में लाने का है। जो परमपूज्या माताजी के कृपापूर्ण आशीर्वाद व शक्ति प्रदान करने पर ही संभव होगा । इस ग्रन्थ के साथ गुरुदेव का सार - गर्भित संक्षिप्त जीवन परिचय जो आदरणीया विदुषी कुमारी चन्दना बहिन काराणी M. A. Lib. Sc. द्वारा गुजराती में लिखित है, का हिन्दी भाषान्तर प्रकाशित किया जा रहा है। गुरुदेव की गद्य रचनाएँ, प्रवचन संग्रह, पत्र सदुपदेश और दिव्य वाणी का संग्रह दूसरे भाग में देने की भावना है । २६ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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