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अजमेर में पूज्य श्री ने फाल्गुन चौमासा किया । ऐसा पूज्य श्री पर पू. गच्छाधिपति मूलचंद जी म. को अधोलिखित पत्र से जाना है :- "श्री अहमदाबाद से लि. मुनि मूल चन्द जी की सुख-साता पढ़ना श्री अजमेर मुनि झवेर सागर जी आपका सुद 11 का पहुंचा xxxx तुमने बातचीत की होगी सो जवाब आने से मालूम होगा। मिति सं. 1938 का फाल्गुन सं. 13 बुधवार" इस पत्र में कितनी ही नितान्त गुप्त रहस्यभुत बातें पू.गच्छाधिपति श्री को गंभीर समझकर जनाई है।
इस ऊपर से पूज्य श्री का कैसे उदात्त व्यक्तित्व होगा। वह गच्छाधिपति के पत्र से समझा जाता है। ओर पू. श्री झवेर सागर जी म. ने अजमेर फाल्गुन चौमासे की आराधना सा. कल्याण जी कोठारी देईने कहजो के अजमेर पहोचाड़ना । मने रास्ता मां दिन लागा ते कारण के सायपुरे होकर मैं यहां आया हू । दयानंद सरस्वती पण सायपुरे था, तेथी दिन-2 तिहारहणो कर्यों xxxx मेरी तरफ से सुख-शाता पूछना समाचार पूछे सुख-शाता कहे देजो पत्र को उत्तर जल्दी अजमेर भेजजो।
कोटड़ी में शेठ गुलाबचंद जी भगवान की दुकान पूगे श्री अजमेर . सं. 1939 फाल्गुन सुद 8 वार शुक्र दः पोते
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