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'पत्रे ला०
, ११ " २२ ५६ २३
(१२) अशुद्धि हैं करता जब तक
शुद्धि रखते हैं करता है है जबतक
८९ १९ ९८ १४ " १७ ९९ १९ २०३१
स्थिव्यर्थ तक योंकी ज्ञान । जह
स्थित्यर्थ यहां तक लिये इन्द्रियोंकी
आत्मा ज्ञान ' जहां
करते जो मात्माको
"
१८
नो
हीन
१०६ ८ आत्मज्ञान ।
" १३ कामका १०७ ७. मुखसे ।
व्यक्तता १२५ ५ कि धर्म जैसे १२८ २० आनात्मा १३१ १५ तथा ११३ नीचेसे। और और २४६ ३ ।
'प्रवण १४७ ११
आगामी
आत्मा ज्ञान कामको गुणसे व्यक्तृतामें कि जैसे अनात्मा है तथा
और द्रवण
भूत
.