Book Title: Pramana Naya Tattvaloka
Author(s): Himanshuvijay, Purnanadvijay
Publisher: Amblipol Jain Upashray

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Page 43
________________ (४३) विषयः। पृष्ठे। विषयः। पृष्ठे । चतुर्थे परिच्छेदे तिर्यक्सामान्यलक्षणम् ऊर्ध्वतासामान्यलक्षणम् आगमलक्षणम् गुणलक्षणम् आप्तलक्षण-भेदकथनम् ५५-५६ पर्यायलक्षणम् वेदस्यापौरुषेयत्वखण्डनम् ५६ वचन-वर्णलक्षणवचनम् ५७ षष्ठे परिच्छेदे वर्णस्य पौद्गलिकत्वसाधनम् प्रमाणफलस्य लक्षणम् पदवाक्ययोर्लक्षणोल्लेखः ५८ आनन्तर्य-पारम्पर्यफलम् शक्ति संकेताभ्यां शब्दस्यार्थ ७८ प्रमाणात् फलस्य भिन्नाऽभिन्नत्वम् ७९ बेधकारणत्वप्रकाशनम् ५८ ध्वनेः स्वार्थाभिधाने सप्त प्रमातृप्रमाणयोरपि स्याभेदः ८२ संवृत्या प्रमाणफलमितिभङ्गानुसरणम् मतखण्डनम् सप्तभशीलक्षणम् प्रमाणाऽऽभासाः सप्तभङ्गानां मुख्यगौणत्वे स्याद्वादः ६४-६८ सांव्यवहारिकापारमार्थिक प्रत्यक्षाभासो वस्तुनः प्रतिपर्यायसप्तभङ्गसिद्धिः ६९ स्मरणाऽऽभासः सप्तैवभङ्गा न न्यूनाधिका इति सिद्धिः प्रत्यभिज्ञा-तर्कामासौ सकलाऽऽदेशलक्षणम् पक्षाभासाः ८७-९१ कालाद्यष्टमेदामेदवृत्तिप्रदर्शनम् ७० हेत्वाभासाः विकलादेशलक्षणम् असिद्धलक्षणम् उभयान्तरासिद्धलक्षणम् । अर्थप्रकाशे तदुत्पत्तितदा ९२ कारखण्डनम् वनस्पती जीवतत्वसिद्धिः विरुद्धहेत्वाभासलक्षणम पञ्चमे परिच्छेदे अनैकान्तिकलक्षणम् वस्तुलक्षणम् ७४ नव साधर्म्यदृष्टान्ताभासाः सामान्य-विशेषात्मकत्वसिद्धि ७५ । नवधा वैधHदृष्टान्ताभासाः ९९ ८६-८७

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