Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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४६६ ]
[ नियुक्तिसंग्रहः
आद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं अनियपुत्ता
आव. ११९७-११८ अनिमाण प्राव. ४१५-४१ अनिप्रय आव. ४६२-५१ अनुकंपा प्रो. ४१५-२२८ अनुगलिया . प्रो. ३१२-२१६ अन्नेणाहा पि. ११४-२७६ अन्ने भणति पि. ५९२-३२० अन्नेसि दिज्ज पि. ४६३--३०८ अन्नोऽन्नं प्रो. ३६१-२२६ अन्नोऽवि य उत्त. १०५-३१५ अप्पक्ख प्राव. ८८६-८७ अप्पगंथ प्राव. ८८०-८७ अप्पडिलेहि ओ.१९५-२०८ अप्पडिलेहि प्रो. १२६-२०२ अपडिकम्म दशा. १०६-४८६ अपडिलेहणतो
प्रो. ५८६-२४४ अप्पत्तंमि पि. २८६-२८२ अप्पत्ता उ पि ५५१-३१६ अप्पत्ते चिय प्रो. ३५०-२२२ अप्पत्ते चिय पि. २६-२६८ अप्पायया प्राव. १२८६-१४६ अपरक्कम प्राचाः
२६६-४४६
आद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं अपराजिम प्राव. ३२९-३२ अपरिणयंमि पि. ६०९-३२२ अपरिमियप प्राव सू०५-१८० अपरिमियनेह पि. ३१८-२६५ अपस्समाणो प्राव. १५-१४५ अपसत्थो य पि. ६३-२७१ अप्पहसंदिढे प्रो.४७०-२३३ अपासस्थाए दश. १४२-४८६ अप्पामूल प्रो. २१३-२१० अप्पाहि प्रो. १९-१६१ अप्पिणह दशा. ९२-४८५ अपहत्त दश. ४-३२८ अपुहुत्ते आव. ७७३-७६ अपुव्वनारण प्राव. १८१-१८ अपुवनारा आव. ५३-४ अपुव्वं प्राव. ११३६-११३ अप्पोदगा प्रो. १७१-२०६ अप्पंपि आव. ९९-१० अफासुयसू० ८६-४६३ अब्भत्थरगाए प्राव. ६८०-६८ अब्भंतर पाव. ५४९-५६ अब्भंगिय पि. ४२३-३०४ अन्भास दश. ३१२-३५९ अभिंतरलद्धी प्राव. ६३-६ अभिंतरपरि प्रो. ३५३-२२३
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