Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 545
________________ ५२२ ] [ नियुक्तिसंग्रहः W " चउक्कं प्राद्यांश ग्रन्थ- गाथांक पृष्ठं प्राद्यांश ग्रन्थ- गाथांक पृष्ठं कायाण प्राव. २-१४४। कालो संझा कारणो दशा. ८३-४८४ . प्राव. १३९०-१५६ कारणकज्ज __ " " प्रो. ४६-२४६ प्राव. ११७०-११६ , समया दशा.५७-४८२ कारणविभा दश. २२५-३४६ कावालिए प्राव. १७-१३२ कारणि प्रो. ७५-१६७ कासखुन आव. १५२५-१७० कालचउक्को कासवगुत्ता प्राव. ३६४-३६ प्राव. १४०१-१५७ कि अद्धिइ पि. ५१०-३१३ , प्रो. ५८-२५१ किइकम्मच प्राव. १२०६-११६ पाव. १४०८-१५८ " , १२०८-११९ कालजत्ति प्राव. ८८३-८७ किइम्मपि पाव. १२१९-१२० कालपुरिसे प्रो. ५६०-२४२ ___" , १२२६-१२१ कालमकाले प्रो. ३०६-२१९ किइकम्म प्राचा. २९३-४३८ कालमणतं प्राव. ८५३-८४ किइकम्माइ कालाए प्राव. ४७६-४६ प्राव. १६२६-१८८ काले चउण्ह प्राव. ३६-४ कि कइविहं प्राव. १४१-१४ कालेण प्राव. ७२९-७२ कि कयं कि वा काले तिपो प्रो. २६२-२१४ प्राव. १३६५-१५३ कि कारणं प्रो ३७-२१२ काले य पहु प्रो. ५१८-२३४ किं च दुमा दश. १०३-३३७ काले विणए दश. १८४-३४५ किचि सकाय दश.२३१-३५० कालो अ दश. ६२-३३३. किंची सकाय प्राचा.६६-४२६ कालो जो उत्त. १९७-३८३ " "११४-४३० कालो जो सू. १०-४५६ " १२४-४३१ mm w Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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