Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 550
________________ गाथानां अकारादिक्रमः ] [ ५२७ प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं गिण्हते य प्राव. ५-१४२ गिद्धाइ उत्त. २२३-३८६ गिम्हासु पंच प्रो. ७००-२५४ गिम्हासु हुँति प्रो. ६६६-२५४ गिहवासे आव. २८८-२९ गिहिणोऽवि दश. ३३६-३६१ गोयत्थपरि प्रो. ३८२-२२५ गीयत्थो य प्रो. १२१-२०१ गुणमाहप्पं प्राचा. ३२२-४५३ गुणिसंथवेण पि. ४६०-३११ , पि. ४६२-३११ गुरणाहिए प्राव. ११६१-११५ गुणिउदगइ दश. २२१-३४६ गुत्ता गुत्तीहि प्राचा. १०५-४२६ गुम्मिन प्रो. २०१-२०६ गुरु गुरुणा पि. ५६२-३१७ गुरुपच्चक्खाण प्रो. ५६-२२३ गुरुपच्चक्खाणि पि. ३३-२६६ गुरुमूलेवि प्राव. ८३-१३६ गुम्विणि पि.५८६-३२० गूढायारा पि. २०६-२८४ गूद सिरागं प्राचा. १४०-४३३ गेम्हासु प्रो. ६६८-२५४ गेलनकज्ज प्रो. ४२७-२३० प्राद्यांश · ग्रन्थ- गाथांक पृष्ठं गेलन्ननियम प्रो. ६१३-२४६ गेलनाइ प्रो. ४३४-२३० गोग्रम केसीयो उत्त. ४५२-४०९ गोदिनि उत्तो पि. २४५-२८८ गोणं समय प्रो. ३३३-२२१ " , पि. ६-२६६ गोणादि काल प्रो. ४३-२४९ गोणाइ काल श्राव. २-१५६ गोणी चंदण प्राव. १३६-१४ गोणीहरण पि. ११५-२७७ गोणे महिसे ओ. ४६३-२३३ गोत्तासिउ प्राव. ४४६-४६ गोन्नं नामं आव.१६१७-१८७ गोभूमि वज्ज प्राव. ४६१-५० गोमहिसि पि. १३२-२७८ गोमहिसुट्टि प्राव. १०८४-१०७ गोमेज्जए य प्राचा. ७५-४२७ गोयमाई प्राव. ७४५-७४ गोयमनामा उत्त. ४५१-४०६ गोयरमभि प्राव. ५३१-५४ गोवनिमित्तं प्राव. ४६१-४८ गोवपो पि. ३६८-२९६ गोवालए पि. ३६७-२६६ Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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