Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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५२६ ]
[ नियुक्तिसंग्रहः
प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्टं प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं गणहर पाहार
गहणं तप्पढम प्राव. ५७०-५८
प्राव. ७०२-७० गणणाइ रज्जू सू. १५४-४७० गहणं नई उत्त. ३४७-३९८ गरण संगह दशा. २८-४७९ गहणुगहम्मि गरिगयाघरम्मि
प्राचा. ३०७-४५० उत्त. १०२-३७४ गणियंमि प्राव. १४१०-१५८ गणियं निमित्त
गाढालंबरण प्राव.१४६७-१६६ प्राचा. ३२१-४५२ गामाग बिहे प्राव. ४८६-५० गणिसद्दमाइ
गामाण दोण्ह पि.४३३-३०५ प्राव. १४२७-१५६ गामदुवार प्रो. ६६-१६६ गब्भगए जंपाव.१०६६-१०८ 'गामे गंतु पुच्छे " . , ११००-१०९
प्रो. २४०-२१३ गम्मपसु दश. ४२-३३२ गामे परितलि प्रो. ८८-१९८ गमरणमणु प्रो. ३०३-२१८ ।
गामे वसंत सू. १६१-४७४ गमरणागमरण
गामायारा विसया प्राव. १५४७-१७४
प्राव.२३३-२४ गमणागमणु पि. २२७-२८६ गामे य काल प्रो. ५०५-२३७ गमणे पमाण प्रो. ७०-१९७ गारवपंक उत्त. २१८-३८५ गमणं च दाय प्रो.४७५-२३४ गावी महिसी दश.२५७-३५३ गयउर सिज्जं प्राव.३२२-३२ गाहा जुयलेण प्रो. ३-२६५ गयसीसगणं
गाहावितो स. १३१-४६८ . प्राव. ११६८-११६ गाहीकया स. १३९-४६९ गरविस अट्ठिय
गिण्हरण कट्टण पि. ८१-३०१ प्रो. ४८०-२३४ गिण्हइ य प्राव.७-२ गरहावि प्राव. १०६३-१०४। गिण्हइ रणाम प्राव. ५७-१३६
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