Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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गाथानां प्रकारादिक्रमः ]
[ ५५६
प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं निक्लेवो उ दुमंमि
उत्त. २७६-३९१ ,, उ नमिमि
उत्त. २५९-३८६ ,, कविलंमि
उत्त. २४६-३८८ निक्किचणा प्राव. ३५५-३५ निक्खेवो उ दश. २६९-३५४ " खलुकमि
उत्त. ४८८-४१२ गाहाए
सू. २३-४५७ " गोत्रम
उत्त. ४५०-४०९ चरणंमि
उत्त. ५१५-४१५ , जन्न उत्त. ४६१-४१० " जीवंमि
उत्त. ५४६-४१८ ,, (उ) तमि
उत्त. ५११-४१४ नियंठंमि
उत्त. २३६-३८७ नियंठेमि उत्त. ४२३-४०६
श्राद्यांश प्रन्थ-गाथांक पृष्ठं निक्लेवो पयडीए
उत्त. ५३१-४१६ भिक्खुमी
उत्त. ३७२-४०० मग्गंमि
उत्त. ४६९-४१३ मुक्खंमि
उत्त. ४६७-४१३ विभत्तीए
उत्त. ५५३-४१६ सामंमि
उत्त. ४८१-४१२ संजइ
उत्त. ३६१-४०३ निक्खंतो उत्त. १०७-३७५ निगमण दश. १३३-३४० निग्गंथ पि. ४४५-३०७ निच्छयनो दुन्ने
प्राव. ७१६-७१ निच्छयो सच्चितो
प्रो. ३३८-२२१ निच्छयो पि. ११-२६७ निच्छयनयस्य पि. १०५-२७५ निच्छयमव प्रो. ७६१-२६० निच्छिन्न पाव.९८८-६७
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