Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 537
________________ ५१४ ] [ नियुक्तिसंग्रहः प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं । प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं एक्कपव्वं प्रो. ३१-२५७ । एगग्गस्स प्राव. ६६३-६६ एक्कवीसाए प्राव. सू. १४१ । एगट्ठा पि. १३०-२७८ एक्कं च दोव प्रो. ५५७-२४१ एगट्ठिया प्राव. १२६-१३ " चं सू. १७४-४७२ एवण्हं प्राव. ४२६-४५ "" सू. १७५-४७२ एगत्तमणा प्राव. ७४-१३८ एक्कमि उ प्रो. ७१७-२५६ एगत्तमणा प्राव. ७६-१३० एक्कमिवि प्रो. ५२.१६५ एगत्ते जह प्राव. १०४९-१०३ एक्कस्स प्रो. ५७-२५० एगत्थ होइ प्रो.५१-२१३ एकाणियस्स प्रो. ४१२-२२८ एगदुर्गातग प्रो. ३१५-२१९ एक्का मणु प्राचा. १९-४२२ एगते य आव. ५४२-५५ एक्कारस उ प्राव. २६६-२७ एगपण प्रो. १६५-२०५ एक्कारस तिति एगपएसो प्राव. ४४-५ - प्राचा. ३३३-४५४ एगबइल्ला दशा ६१-४८५ एक्कारसवि प्राव. ५६२-६० एगबहू प्रो. ८०-१९७ एक्किक्कोवि प्रो. ४८४-२३५ एगभविए सू. १४६-४७० एक्केक्कस्स प्रो. ५६५-२४२ एवमणु उत्त. ४१५-४०५ एक्केक्कं तं पि. २७९-२६१ एग मुगुदा उत्त. १५१-३७६ एक्केक्कावि पि. ४२६-३०५ एगनिवख प्राव. १२१८-१२० एक्केकीय प्राव. ५६१-५७ एगरस उत्त. ३३-३६८ एक्केक्के पि. ५६८-३१८ एगविहं प्राव. १५७३-१७७ एक्केक्को सू. ४८-४५९ एगविहाइ पि. ६०-२७१ एक्केण कय पि. १८५-२८३ एगस्स उ जं एक्को व जह प्रो. ४००-२२७ प्राचा. १३७-४३३ एक्को थरेइ प्रो. १८५-२०७ एगस्स खीर एक्को व दो ओ ६१६-२४७ उत्त. २६६-३९३ Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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