Book Title: Niryukti Sangraha
Author(s): Bhadrabahuswami, Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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[ नियुक्तिसंग्रहः
आद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठ एमेव उझियं पि.१६६-२८४ ,, प्रोहि उत्त. २१५-३८५ " कमो पि. ३३६-२९६ , काम दश. ३१३-३५९ ,काग पि. ४५४-३०७ ,, कुंथुस्स प्राव. २६३-२६ ,, चउ दश. ६१-३३३ "थंभ दशा. १०२-४८६ , पूइ प्रो. ५३०-२३६ ,, बल
प्राव. १-१७५ ,, भावक पि. ११०-२७६ ,, भाववसु दश. २८६-३५६ ,, मज्झि प्रो. ४९२-२३५ ,, मीस पि. ५४४-३१६ , य उक्कोसे पि.३६२-२६६ , य कम्मं पि. २४०-२८८ , य जोगा
प्राव. १४८३-१६५ य जं पि.८२-३०१ , य नि प्राव. १४३-१५ , य भंग प्रो. ५७२-२४३ , य पास
प्राव. १३७८-१५५ , य, प्रो. ३४-२४८ य सम प्राव. १४२०-१५९
प्राद्यांश ग्रन्थ-गाथांक पृष्ठं एमेव वाइ पि. १३५-२६४
, विस प्रो. ६०२-२४५ ., सेसया पि. ५४३-३१६
, सेसए पि.७६-२७३ ,, सेसिया पि. ४२१-३०४ एमेव होइ अो. ४९३-२३६ एयहोस प्रो. ३८८-२२६ एयद्दोस प्रो. ५१७-२३८ एयस्स उ सू. १८३-४७३ एयाइं चिय पि. ६२२-३२३ , तु उत्त. ३७७-४०१
नामाई आव. २-४१ ,, परू दश. ६-३२८
पावा उत्त. ३९०-४०२ एया चेव दश. २०८-३४७ एयासिं चेव प्राचा. ५३-४२५
,, लेसा उत्त. ५४५-४१८ एयारिसं प्रो. ५४३-२४०
पि. ६३३-३२४ एयं किइ प्राव. १२४४-१२३ ,, चेव प्रो. ६८३-२५३ " , प्राव. ५८१-५६ " हाणं उत्त. १४७-३७६ " तु पि. ३४३-२६७
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