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विमलगुणाहरण कियदेउ कमलगंधु घेइ सारंगे गमणलील जा कय सारंग सज्जैणदूसियदू सणवस कमिक वम्महसंघारणु
महापुराण
सरपंकयरयरत्तविदेहइ सीहि दाहिकूलि रवण्णउ सहलारामहिं गामहिं घोसहि पविचलपक्क लैब के यारहिं भरण हिं
चंपदेवदारुसाहारह चिरमुकमोर के कार महिमेस जुज्च्छ व मिलियाई
पडे भर निसुणइ पई जेहउ | सालूरेंणीसारंगें । सा किं णासिज्जइ सारंगें । सुइकिति किं हम्म पिसुर्णे । अजियपुराणु भवण्णवतारणु ।
पत्ता - जिणगुणरयणाच लिये यडित ससुवणे समुज्जलु ॥ आहासइ गणहरु सेणियहु करहु कणि कोंडलु ||६||
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यूदी पुविदेह | छणाम देसु वित्थड | दहियविरोलणसंथणिघोसहि । कणिसु चुतहिं जपिरकीरहि । हंसणवयंभरणिसण्नहिं । कुसुमाली भमरशंकारहिं । पचलनलाल व सारहिं । जो सोहद "दंतहिं हलियहिं ।
[ ३८.६.४
हे भरत, जिसने शरीर पर विमल गुणरूपी आभरण चारण किये हैं ऐसा तुम जैसा व्यक्ति उसे सुनता है, कमलकी गन्ध भ्रमरके द्वारा ग्रहण की जाती है सारहोन मेंढक के द्वारा नहीं । हरिणके द्वारा जो गमनलीला की जाती है, क्या वह धनुष के द्वारा नष्ट की जा सकती है। जिनका स्वभाव सज्जनोंको दूषित करना है ऐसे दुष्टके द्वारा क्या सुकविकी कीति नष्ट की जा सकती है? में कामदेवका संहार करनेवाले और संसार रूपी समुद्रसे सन्तरण करनेवाले अजित पुराण काव्यको कहता हूँ ।
धत्ता - गौतम गणधर कहते हैं, "हे गौतम, तुम जिनवर के गुणोंकी रत्नावलीसे विजड़ित शब्दरूपी स्वर्ण से समुज्ज्वल यह कथा रूपी कुण्डल अपने कानोंमें धारण करो" ||६||
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जहाँ सरोवरोंके कमलरजसे पक्षियोंके शरीर घूसरित हैं जम्बूद्वीप के ऐसे पूर्व विदेह में, सीता नदी के दक्षिण तट पर, सुन्दर वत्स नामका विशाल देश है, जो फल सहित उद्यानों, ग्रामों, दही बिलोनेकी मचानियोंके घोषवाले गोकुलों, पके हुए प्रचुर धान्यके खेतों, कण चुगते बोलते हुए शुकों, सघन दानोंसे भरे हुए नये धान्यों नवकमलों पर बैठे हुए हंसों, चम्पक देवदारु और मात्र वृक्षों, पुष्पोंमें लीन भ्रमरोंकी झंकारों, नृत्य करते हुए मुक्त मयूरोंकी ध्वनियों, प्रबल बलयुक्त बैलोंके ठेक्कार शब्दों तथा भैंसाओं और मेढ़ों के युद्धोत्सव में इकट्ठे हुए प्रसन्न हलवाहोंसे शोभित है ।
६. १. P ए६ । २. AP विष्वह । ३ AP वड्ढि सज्जनदूषणं । ४. P सुक५. AP सुवणु ६. AP कहकुंद्धलु ।
७. १. उत्तर; K उत्तर but corrects it to दक्षिण । २. A° पिक्क । ३. API कल । ४. AP
अण्णहि; K धण्र्ष्णाहि and gloss । ५. A देवदारं । ६. AP कुसुमाली । ७. AP मच्चि रमोरमुक् । ८. P "क्कारहि । ९. AP महिसह मेसाई जुक्षित्रिमिलिय । १०. Pomics जो । ११. Padds fr after दंतहि ।