Book Title: Mahapurana Part 2
Author(s): Pushpadant, P L Vaidya
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 393
________________ ३७० महापुराण वर परिंदें पवलु मईदें। ण सारंगस धरिउ तुरंगत। कुंकुमपिंजरु पलु पसरवि कर। मुयबलपो. पुणु आरूढे। रायहं पीलिए घग्गइ चालिउ । अवलोइघि कसु हरि एयर बसु । पुलइयकाएं खगसंघाएं। पयलियमंगलु घुटर कलयलु। घत्ता-ता बुझिदि.महिवइ अतुलबलु अहिवलेण सुरवण्यो । वरचंदणपरिमलचंदमुहि चंदलेह तड्ड दिण्णी ||२|| १५ चंदलेह आउच्छिवि णिग्गत णियउ सुहावईइ णिबिसे गड। तेत्तहि जेतहि सीमामहिहरु विठलणियंबुग्गैयणवसुरतरु । बे वि चारुचामीयरवण्णाईला लयाहरि जाम पिमण्णई । ता सखग्ग खग चेषिण समागयणं णहि णिसियर णिसिहर जग्गय । महुरगिराइ पजियविणएं पुच्छिय ते वणितणयातणएं । दीसह वे वि सुह सुच्छाया कहह कासु कि कारणु आया। तेहिं पत्तउ णियपुर छंडिवि गयणु पायपुंडरियहि मंडिवि । अम्हई आया पई जि गवेसडे वइ बुद्धि पोरिसु विण्णासहूं। लेइ लइ लहु णित्तिंसु पर्वदहि एह पंहीणखंभु जइ छिंदाहि । तो तूहुं होसि बप्प बसक विजाहरभूगोयरईसर । धत्ता-णिसुणिवि असिषरु करि करिवि खंमु कुमार घाइच ॥ असिजलधारइ सो गिट्ठरु वि पत्थर तइ वि दुहाविउ ।।३।। तुई सो चकवट्टि जयत्तिरिहर मुहबईइ मत औराहिवि तरुणतरणिणिडु वरुणहुँ ढोइड बहुविनासामथसमग्गइ इय अहिणदिवि गय ते हयर । तं करवालु करालु पसाहिदि । पीडिवि मुढिइ तेण पलोइछ । मुदइ मुद्धयंदसोहग्गह। ५. MR पसरियकस K पसरेवि करू । ६. न किसु । ७. MB तो। २. १. MB णिवसें । २. MB °ग्गयसुरतरुवरु। ३. B तेण तणयातणएं। ४. MB read for this line : लइ णित्तिसु देव भुयद; परबलबलदलणेण पर्य. and add the following : एह पाहाणखंभु जा छिदहि, अम्हहं हियवउ लट्ट साणंदहि ( B आणंदहि )। ५. MB बप्प होसि । ६. K दोहावित। ४. १. K गरवर । २. MB मवेणाराहिवि । ३. MB कराल करवाल । ४. MB °समस्यसामगइ ।

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