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लघ्वर्हन्नीति
मिथिला - वृक्ष आदि से चिह्नित। राजलता वादिप्रतिवादिभ्यां मिथः स्वीकारस्थापिता। राजलता - पक्ष-विपक्ष द्वारा परस्पर स्वीकार कर निर्धारित की गई। भामिनी मृत्यपाषाणयुच्चयसूचिता। ... भामिनी - मिट्टी, पाषाण आदि के ढेर से सूचित। कासिका चिह्नासत्त्वे भूपेनात्ममनीषिकया कल्पिता।
कासिका - चिह्न के अभाव में राजा आदि द्वारा अपनी बुद्धि से निर्धारित काल्पनिक सीमा।
इति पञ्चधा इस प्रकार यह पाँच प्रकार की होती है। अत्र विवादः षड्विधस्तथा, और सीमा-विवाद छः प्रकार का है,
विवादोऽत्र भवेत् षोढा नास्ति चास्त्युभयं च वै।
न्यूनताधिकता चैव भुक्तिराभोगतस्तथा॥४॥ इस (सीमा मर्यादा) में विवाद छः प्रकार का होता है - १. अस्ति, २. नास्ति, ३. उभय (अस्ति-नास्ति), ४. न्यूनता, ५. अधिकता और (६) आभोग भुक्ति।
(वृ०) तद्यथाजो इस प्रकार है -
वादिनेयं भूमिर्मदीयास्ति इत्युक्ते प्रत्यर्थी वदतस्य जनकस्यापि किं भूरभूदित्यस्तिवादः। __वादी द्वारा यह भूमि मेरी है यह कहने पर प्रतिवादी का यह कहना कि क्या यह भूमि इसके पिता की भी थी - यह अस्तिवाद है।
अत्र भुवि पञ्चग्रन्थिमितो मदीयो अंशोऽस्त्युिक्तेऽस्यैकोऽप्यंशो नास्तीति नास्तित्ववादः। ___ वादी द्वारा यह कहे जाने पर कि इस भूमि में पाँच रस्सी की गाँठ बराबर भूमि मेरी है (वादी द्वारा यह कहा जाना कि) एक भी भाग इसका नहीं है यह नास्तित्ववाद है।
इदं क्षेत्र सर्व मदीयमित्युक्ते अन्यो जल्पते अर्द्ध ममेत्युभयवादः।