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दण्डपारुष्यप्रकरणम्
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एषः समासतः प्रोक्तो दण्डपारुष्यनिर्णयः।
जीवमात्रे कृपादृष्टी रक्षणीया मनीषिणा॥२६॥ यह संक्षेप में दण्ड की कठोरता के निर्णय का कथन किया गया। बुद्धिमानों द्वारा प्राणिमात्र पर कृपादृष्टि रखनी चाहिए।
॥ इतिदण्डपारुष्यप्रकरणम्॥