Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi me aaye hue Varttiko ka Samikshatmaka Adhyayan
Author(s): Chandrita Pandey
Publisher: Ilahabad University
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महर्षि पत जलि ने सुप्रसिद्ध आगम वचन का उल्लेख कर के वेदाइगों के अध्ययन की ओर संकेत किया है - "ब्राह्मणेन निष्कारणोधर्मः ष्टद्धगोवेदेध्येयो यश्च ।।
ब्रहमा
भारतीय विचारधारा एवम् मनीषा के क्षेत्र में जगत्का ब्रह्मा को ही सभी विद्याओं का आदिसृष्टा निरू पित किया गया है। इस सनातन मान्यतानुसार ब्रह्मा ही व्याकरणशास्त्र के प्रथम प्रवक्ता हैं। जैसा कि अक्तन्त्राकार का उल्लेख है "ब्रह्माबृहस्पतये प्रोवाच, बृहस्पतिरिन्द्राय, इन्द्रोभरद्वाजाय, भरद्वाजन षिभ्यः, अषयो ब्राह्मणेभ्यः ।-2 अक्तन्त्रकार के द्वारा प्रस्तुत प्रामाणिक तथ्यों के आधार पर एकमा ही व्याकरण शब्द ज्ञान के एकमात्र आदि प्रवक्ता हैं। भारतीय पौराणिक मान्यतानुसार प्रादिप्रवक्ता ब्रह्मा सटिलीला के पूर्व तथा जलप्लावन के पश्चात हुआ था । 'यह नाम परवर्तीकाल में जाकर अनेक व्यक्तियों के लिए उपाधि रूप में प्रयोग होने लगा, फिर भी ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार सभी विद्याओं का सर्वप्रथम प्रवक्ता ब्रह्मा ही माना जाता है। यह सर्वविदित एवम् सनातन मान्यता है । कालक्रमानुसार ब्रह्मा का निश्चित काल लगभग 16 सहस्त्र वर्ष पूर्व है ।
आर्यावर्त के समस्त पौराणिक एवम् ऐतिहासिक विशेषज्ञों की यह आदि सम्मति रही है कि मष्टि में जितनी भी विद्याओं का प्रचलन हुआ है उन सभी
1. महाभाष्य 30 I, पा0 1, 30 1. 2. प्रक्तनं ।।