Book Title: Kuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Prakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ ( १४ ) परिषद् की प्रमुखता, वासवसभा में १६ विद्याओं के जानकार, सामन्त या जमींदारी की प्रथा, राज्यकर्मचारी व अधिकारीमहासेनापति, महापुरोहित, महावीर, पौरजन, अन्तःपुरमहत्तरिका, कन्या-अन्तःपुर पालक, जामइल्ल, पुर-महल्ल, महाधम्मववहार, दंडवासिक, सव्वाहियारिया आदि। राजकीय सुरक्षा में दृढ़ता । ४० प्रकार के शस्त्रास्त्र-असि, कत्तिय, करवाल, करालदंत, कस, कोन्तेय, चाप, झस, छुरिया, तोमर, मंडलान, यन्त्र, वसुनन्दक, शक्ति, शैल आदि। रोग और उनकी परिचर्या । अध्याय चार :: आर्थिक जीवन १७७-२२४ परिच्छेद १. अर्थोपार्जन के विविध साधन ( १७९-१८५) निन्दित साधन-जुआ खेलना, सेंध लगाना, आभूपण छीनना, राहगीरों को लूटना, गांठ काटना, कपट करना, ठगना, मछली पकड़ना आदि। इन साधनों की निर्थकता। अनिन्दित साधन-देशान्तरगमन, साझीदारी, नृपसेवा, नाप-तौल में दक्षता, धातुवाद, देवाराधना, कृषि, सागर-सन्तरण, रोहण-पर्वत खनन, वाणिज्य, विद्या एवं शिल्प आदि। इन सबके सम्बन्ध में तुलनात्मक विवेचन । खान्यवाद द्वारा धनोपार्जन। साधनों की प्रतीकात्मकता । परिच्छेद २. वाणिज्य एवं व्यापार ( १८६-२०१) स्थानीय-व्यापार --विपणिमार्ग, विनीता के विपणिमार्ग का विशद् वर्णन, उसमें जरूरत की सभी वस्तुओं की दुकानें। व्यापारिकमण्डियाँ-व्यापारिक यात्रा की तैयारी, मंडियों में व्यापारियों का स्वागत, 'देशिय-वणिय-भेलीए' (व्यापारी-मण्डल ) का उल्लेख, व्यापारिक अनुभवों का आदान प्रदान , आयात-निर्यात की वस्तुएं, प्रसिद्ध मण्डियाँ-सोपारक, प्रतिष्ठान-मंडी जयश्री, विजयपुरी मण्डी । १८ देशों के व्यापारी। उनके स्वरूग, स्वभाव एवं भाषाओं का उद्योतन द्वारा वर्णन। बाजार का कोलाहल - क्रय-विक्रय की जानकारी। नाप-तोल एवं मुद्रा-अंजलि, कर्ष, कोटि, गोणी, पल, पाद, भार, मांस, रत्ती, रुपया, वराटिका, सुवर्ण आदि । “एगारसगुणा' का जुर्माने के अर्थ में प्रयोग। वाणिज्य-व्यापार के नियामक श्रेष्ठिजन । परिच्छेद ३. समुद्र-यात्राएँ ( २०२-२११) आर्थिक-समृद्धि और जल-यात्राएँ, समुद्र-यात्रा का उद्देश्य धनार्जन एवं विदेश-भ्रमण । यात्रा की फठिनाईयाँ-रत्नद्वीप के प्रसंग में तूफान, जल-दस्यु, समुद्री जीवजन्तु आदि का उल्लेख । सार्थपुत्रों का अदम्य

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 516