Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman,
Publisher: Shubhabhilasha Trust
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१०३०
भासगाहाणं अकारादिकमो
५२६५ ६१२४ ४३५२ ३५२२ ३५९५ ४७२१ ६०२३ ३३३४ २९९८ ३५३७ ३०९२ ४०६४ ३२७४
४९०२
अगणि गिलाणुच्चारे अगणिं पि भणाति गणिं अगणी सरीरतेणे अगमकरणादगारं अगम्मगामी किलिबोऽहवाऽयं अगविट्ठो मि त्ति अहं अगिलाणो खलु सेसो अगीयत्था खलु साहू अगीयत्थेसु विगिंचे अग्गहणं जेण णिसिं अग्गहणे कप्पस्स उ अग्गहणे वारत्तग अग्गिकुमारुववातो अग्गीयस्स न कप्पइ अचियत्तकुलपवेसे अच्चाउरं वा वि समिक्खिऊणं अच्चाउरकज्जे वा अच्चाउरे उ कज्जे अच्चागाढे वि सिया अच्चातुर सम्मूढो अच्चित्तस्स उ गहणं अच्चुकडे व दुक्खे अच्चुसिण चिक्कणे वा अच्छंती वेगागी अच्छंतु ताव समणा अच्छउ महाणुभागो अच्छिरुयालु नरिंदो अच्छे ससित्थ चव्विय अजंतिया तेण सुणा उवेंति अजियम्मि साहसम्मी अज्ज अहं संदिट्ठो
५५६७ ३४१८
अज्जं जक्खाइटुं
३७३२ अज्जसुहत्थाऽऽगमणं
३२७७ अज्जसुहत्थि ममत्ते
३२८२ अज्जाण तेयजणणं
३७५८ अज्जाणं पडिकुटुं
३७२४ अज्जाविओ मि एतेहिँ
५१८४ अज्जियमादी भगिणी
२६१८ अज्जो तुमं चेव करेहि भागे ४३२६ अज्झयणं वोच्छिज्जति ५४०२ अझुसिर झुसिरे लहुओ अझुसिरऽणंतर लहुओ ४९०३ अट्ठ उ गोयरभूमी
१६४९ अट्ठ सुय थेर अंधल्लगत्तणं ११५३ अट्ठऽट्ट अद्धमासा
५७५४ अटुं वा हेउं वा
६२८० अट्ठण्हं तु पदाणं
५६०० अट्ठविह रायपिंडे
६३८३ अट्ठाइ जाव एक्कं
२०३१ अट्ठाण सद्द आलिंगणादिपाकम्मऽतिच्छिता ५९२८ अट्ठारस छत्तीसा
५०५६ अट्ठारस पुरिसेसुं वीसं
४३६५ अट्ठारस वीसा या
३८९३ अट्ठारस वीसा या
३८९५ अट्ठारस वीसा या
३८९७ अट्ठारसविहऽबंभं अट्ठारससु पुण्णेसु
६४६३ अट्ठारसहिं मासेहिं
६४७६ अट्ठारसेव पुरिसे
६४४१ अट्ठारसेहिं पुण्णेहिं
६४७८ अट्ठावयम्मि सेले
४७८३
६०१७ २०१२ ५८८६ ४३५३ ५९८३ १८२५ ५९३२ १६७६ ५०४५ १२७७ ५८५५ ३५०१ ५९३६ ५०८६
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