Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman, 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

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Page 245
________________ १०८८ भासगाहाणं अकारादिकमो ३४३५ २४०९ ४२१५ १५२८ ५७७६ ४०३२ ३४४४ ६२६४ ४००१ १६९६ ११७४ ६०६६ ३७१४ ३७१५ ६०६८ ५९४३ २८९१ ४७०१ पणगं लहुओ लहुया पणगाइ असंपाइम पणगो पागतियाणं पणपन्नगस्स हाणी पणयाल दिणा गणिणो पणयालीसं दिवसे पणिए य भंडसाला पण्णवितो उ दुरूवो पण्हो उ होति पसिणं पतिट्ठा ठावणा ठाणं पत्तं पत्ताबंधो पत्तं पत्ताबंधो पत्तमपत्ते रिक्खं पत्ताबंधपमाणं पत्ते अतिच्छिए वा पत्तेग वड्डगासति पत्तेय समण दिक्खिय पत्तेयं पत्तेयं पत्तेयबुद्ध जिणकप्पिया य पत्तो जसो य विउलो पत्थारदोसकारी पत्थारदोसकारी पत्थारो अंतो बहि पत्थारो अंतो बहि पत्थारो उ विरचणा पत्थितो वि य संकइ पदमिता मि घरासे पन्नरस दस य पंच व पन्नरसकम्मभूमिसु पप्पं खलु परिहरामो पमाणं कप्पट्ठितो तत्थ ६३५४ ३९६२ ४०८० १४५१ ३९७१ १४५२ ४८०६ ४८१७ १६४५ ४५३३ २०१३ २५११ २५३१ २३३१ ३२२६ ६१३० २४३९ ३७०९ ४२९६ पमाणातिरेगधरणे पमाणे काले आवस्सए पय पाय मक्खरेहिं मत्ता पयला उल्ले मरुए पयला निद्द तुअट्टे पयला निद्द तुअट्टे पयलासि किं दिवा ण पयलामि पयासइ तेणहिए परउत्थियउवगरणं परक्खित्ते वसमाणो परतित्थियपूयातो परदेसगते णाउं परपक्ख पुरिस गिहिणी परपक्खम्मि अजयणा परपक्खम्मि वि दारं परपक्खे य सपक्खे परपत्तिया ण किरिया परपत्तिया न किरिया परमद्धजोयणाओ परमद्धजोयणातो परमाणुपुग्गलो खलु परमाणुमादियं खलु परवयणाऽऽउट्टेउं परवावारविमुक्का परसीमं पि वयंति हु परिकम्मणि चउभंगो परिणमइ अंतरा अंतरा य परिणयवय गीयत्था परिणामजोगसोही परिणामो खलु दुविहो परिताव महादुक्खे ४३०६ ६१७६ ३३५१ ३३७६ ४४३९ ५७३७ २७०१ ५२८७ ५३१४ २७२० ४८८८ ४६४१ २११७ १०९८ ३९९१ ४७०५ ४३८२ १३५९ ५९०५ १८९९ ४५७८ ६४६७

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