Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman,
Publisher: Shubhabhilasha Trust
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विसेसचुण्णिए उवलद्धमाणाणं देसीपभिइणामाणं कोसो
डुंगर
५२२६
२४५५
डेव(धातु) डोंब डोड्ड ढिंकुण ढुक्क ढेल्ल
ढोड्ढ
ढोड्ढर णंतिक्क(णंतग) णवलक णिदोच्च तिड्ड तुमंतुम थण पक्कण पक्कणकूल परिखुत्थ परित्त पवुच्चावेयव्वा
पर्वत गम् म्लेच्छ जाति-विशेष धिग्जातीय(मलव) जंतुविशेष ढौकित(उपस्थित) दरिद्र कोष्टर कोष्टर वस्त्रशाला रूपक निर्भय(मलवृ) कीट वाक्कलह स्तंभ चांडाल मातङ्गगृहं(मलव) जीर्ण(मलवृ) प्रत्येक प्रस्तरणीय(मलवृ) उद्भ्रामिका(मलव) उदर प्रेरक-प्रमाणभूत(मलवृ) कुंभकार
४१२४ २७४२ ५३७३ ४७०३ ३५४८ २८५३ २८५१ २९२९ ५११६ ५९९१ ४४७६ ५५०९ २७४५ ४५२३ ४५२३ २९७७ २९१८ ४४११ ६०५३ ४९३८ ३०८७,३०८८ ५०२० २६९७ ३०६६,३०६८ ६२३० २८४७ ६०५७ ६१८३ २९६६
पुता
पेट्ट
पेल्लग फरुसग
बप्प
पिता
भारवाहक-पशु शरीर
बहिलग बोंदि भाणि भिच्छुप्पियं
मिलक्खु
पलाण्डु(मलवृ) म्लेच्छ जाति-विशेष णित
मुच्चल
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