Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman,
Publisher: Shubhabhilasha Trust
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विसेसचुण्णिए उवलद्धमाणाणं वक्खाणणामाणं कोसो
कोत्थलगारा कोलियओ खमओ खमण खुलाखेत्ता
१७८७ १७८७ १७३० २८५० १२५६ १०८९ ११२७ २१३९ १०८८ ३७५७
खेड खेत्तमास
धण्णारिया घरयं उवचिआ मच्छियवग्गओ चउत्थादि भत्तो अभक्तार्थ अप्पो लोगो भिक्खप्पदाया, थोवं दायाय चमढियगं जं धूलिपागारपरिक्खित्तं(नगर) जम्मि खेत्ते मासो जायति मधुमोह गम्मो गमणिज्जो वा अट्ठारसण्हं कराणं गाममहत्तर देसिभणिई छउन्नउइगामेसु भणितं होइ। उत्तरावहाणं एसा भणिती भत्तवाल संखडी लाडदेसे वरिसारत्ते भवइ, भूमीदाह छगण गोमुत्तिया नाम ~~~ सो एवं गामस्स घराइं हिंडइ अहिलोडी यस्माद् बुद्ध्यादीनां गुणं ग्रसति तस्माद् ग्राम घणविगइ
खोट्टमुह गाम गामउड गामद्ध
गिरिकन्ना(गिरिजण्णा) गोब्बर गोमुत्तिया गोवालिया ग्राम
घणो
भंड
घयण घर
घसिर घोड
१७७६ २८५५ १७३४ १६४९ ५८७१ १०८८ ५९०४ १३०० ४७६४ १५९२ २०६६ २३०० २३०० ३६५६ २८५६ ४१९३ ३४७६ ६३२४ ३६६१ १०९०
वस्तु वड्डोअर चट्ट चउण्ह रच्छाण समवाओ छण्हं रच्छाणं समवाओ उवणीय निमंत्रित माणस उल्लगुल
चउक्क चच्चर चेतित छंदित छवी छुट्टगुल छेलिय जंगिय जलपट्टण
सेडित
जङ्गमाज्जातः जस्स जलेणं भंडं एइ
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