Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman, 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

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Page 294
________________ छटुं परिसिटुं ११३७ परट्ठाणवढि परिणाह पाउग्गो पागइअ पाडिहारिय पादकेसरिया पारद्ध पालक्क पाहुडिया पिउडं पिट्ठ पिणिद्ध पिशित पीढसप्पि प्रकृतिका फरूससाला फाल्य बाहिरसंबुक्का बोहिय संखातो विसरिससंखा ५८१९ नातिथूलो नातितणुओ २०५१ जत्थ उप्पज्जइ अहवा जो कप्पिओ अहवा जो संविग्गभाविओ १११९ कर्तुरभिप्राय अजानानः १८१९ भुत्तावसेस ३६५६ डहरयं चीरं ५९७४ चइत ६०९३ मरहट्ठविसए गोल्लविसए य सागो २०९४ उवलेवणाइं कुलाणिं १४९३ उज्झं मंसस्स अवयवो १७११ लोट्ट १६१३ अलङ्कृत ४५९१ पोग्गल ६१०१ पंगुल ३२५३ अनैश्चयिकी १८१९ पुढवी पंतावनासाला ११६१ फलाज्जात, सोण्हक ५९६९ एवं चेव। बाहिरओ अन्भिंतराहुत्तं जाइयव्वं १६४९ मेच्छ, मालव, चौर १९७०, ३१३७, ६१८३ अभिष्वङ्ग, चित्त मनोयोगपयोग १६४० संविग्गभाविया सावगा अहाभद्दगा वा १७२७ पलण्डु ६०५७ जस्स गामस्स पुव्वे अवरे य पासे सेढीए रुक्खा ठिया सो भित्तिसंठिओ गामो ११०६ प्रायशः ५८६८ जं सव्वओ छिन्नं(नगर) अड्ढाइज्जगाउयमेराए णत्थि गामादी १०८९, ४८४४ १३५३ भाव भावलेश्या भावितकुला भिच्छुप्पियं भित्तिसंठिअ भूयिष्ठ मडंब


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