Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman, 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

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Page 252
________________ बीयं परिसि बतियम्मि होंति तिरिया बिय मट्टियासु लहुगा बिले न ढक्केइ न खज्जमाणि बिले मूलं गुरुगावा एहि कंदम एहिं उ संसत्तो बीभेंत एव खुड्डे बीभेज्ज बाहिं ठवितो उ खुड्डो यदि आ बुद्धीबलं हीणबला वयंति 5 इंदिया इयत बोलं भायका बोले झाकरणं बोले झाकरणं बोहिकतेणभयादिसु बोहियमिच्छादिभए भंजंतुवस्सयं णे भंडीबहिलगभरवाहिगेसु भइया उ दव्वलिंगे भगंदलं जस्सरिसा व निच्चं भग्गऽम्ह कडी अब्भुट्ठणेण भगविभग्गा गाहा भट्टित्ति अमुगभट्ट भडमादिभया णट्टे भणइ जइ ऊणमेवं भइ जइ एस दोसो भइ जइ एस दोसो भइ जहा रोगत्तो भइ य दिट्ठ नियत्ते भणमा भणाविं ११९० ५६७२ १३९२ २८५२ ३३२४ ३६८० ४४०२ ४४०३ ३३०४ ३२५४ २९०९ भणिओ आलिद्धो या भणिओ खलु उक्कोसो ४५७० भण्णइ न अन्नगंधा ५२९७ ४७५२ २३२३ २६५९ ५१११ ३१३७ २३४९ भत्तस्स व पाणस्स व भत्तादिसंकिलेसो भत्तिविभवाणुरूवं ३१११ भत्ते पण्णवण निगूहणा १६३९ भत्ते पाणे विस्सामणे ४१०२ भत्ते मे ण कज्जं ४४६० भत्ते व पाणेण व इन सो सयं चिय भणति उवेच्च गमणे भण्णति सज्झमसज्झं भत्तं वा पाणं वा भत्तट्ठण सज्झाए भत्तट्टणमालो भाऍ य विही भत्तट्ठिय बाहाडा भत्तट्ठिया व खमगा भत्तट्ठिया व खमगा भत्तपरिण्ण गिलाणे भत्तमदाणमडते भद्दगवयणे गमणं ६१२७ भद्दमभद्दं अहिवं ४७६० भद्दोन्नीस १७२२ ५८४९ भद्दो पुण अग्गहणं भन्नति दुहतो छिण्णे १७३३ भमरेहिँ महुयरीहिं य भयओ सोमिलबडुओ ११४९ ६०८० भयति भयस्सति व ममं ५४५७ भयतो कुटुंबि १०९५ ५७०९ ३६७३ १७३७ ११५० ३१७७ ५२७९ ५६०७ ४३७२ ४८३५ २०४९ ४८३७ १५६२ १५७६ ३८४२ २४८९ ४०६९ १८८८ १२०९ ५०७६ २९०४ ५३२२ २९०७ ३०९० ३०२३ ३५८८ ४६४३ ३९५४ १२४४ ६१९३ ४४८२ ६२५८

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