Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman, 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

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Page 211
________________ १०५४ भासगाहाणं अकारादिकमो ३६६८ १३९९ ५३२९ १७५४ ४९११ २४६९ २५०४ ४९१५ ३५१६ ३४५१ २२७४ २६६६ २९९७ २८९६ ३२९८ २२११ ५१७७ २६८९ ४२२१ २६९० २९२९ २३४५ ५३२० १५८२ ५१७८ कढे पुत्थे चित्ते कट्ठे पुत्थे चित्ते कट्ठ पुत्थे चित्ते कडं कुणंतेऽसति मंडवस्सा कडओ व चिलिमिणी वा कडओ व चिलिमिली वा कडओ व चिलिमिली वा कडजोगि एक्कओ वा कडजोगि सीहपरिसा कडपल्लाणं सण्णा कडमकड त्ति य मेरा कडिपट्टए य छिहली कडिपट्टओ अभिनवे कडिवेदणमवतंसे कणएण विणा वरं कण्णम्मि एस सीहो कतरो भे णत्थुवधी कतरो सो जेण निसिं कति ठाण ठितो कप्पो कत्थ व न जलइ अग्गी कत्थइ देसग्गहणं कप्पइ गिलाणगट्ठा कप्पइ गिलाणगट्ठा कप्पट्ठ खेल्लण तु अट्टणे य कप्पट्ठिय परिहारी कप्पठितिपरूवणता कप्पति अपरिग्गहिया कप्पति समेसु तह सत्तमम्मि कप्पा आयपमाणा कप्पाओ व अकप्पं कप्पाकप्पविसेसे ६३३४ ५६८७ ६२०३ ४१६४ २२६६ ६३५६ कप्पासितस्स असती कप्पे सुत्तऽत्थविसारयस्स कप्पो च्चिय सेहाणं कम्म घरे पासंडे कम्मं असंकिलिटुं कम्मं चिणंति सवसा कम्मम्मि अदिज्जंते कम्मवसा खलु जीवा कम्मार णंत दारग कलाय कम्मेहिँ मोहियाणं कम्मोदय गेलन्ने कयउस्सग्गाऽऽमंतण कयकरणा थिरसत्ता कयरं दिसं गमिस्ससि कयलीखंभो व जहा करगोफणधणुपादादिएहिं करणं तु अण्णमण्णे करणाणुपालयाणं करणे अधिकरणम्मि य करपायंगुढे दोरेण करमिव मन्नइ दितो कलमोदणो य खीरं कल्लं से दाहामी कवड्डगमादी तंबे कसिणस्स उ वत्थस्सा कसिणा परीसहचम् कस्स त्ति पुरेकम्म कस्सइ विवित्तवासे कस्सेते तणफलगा कहकहकहस्स हसणं कहणाऽऽउट्टण आगमणपुच्छणं १२४५ ३३२१ ३०५० ३१९० ४६०२ ५६१५ ५३४० २४४५ ६०८५ ४१२८ ६३२१ ५०२५ ४२९९ ६३१३ ५५२४ ४४९१ १९२८ १४०७ १९६७ ३८८० १३५५ १८२१ २१६५ २०३८ १२९६ ५०५२ ३६२५ १८२४ ३९६९ ५३६२ ४२३२

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