Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman,
Publisher: Shubhabhilasha Trust
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भासगाहाणं अकारादिकमो
४०९१
६३७१
१७१३ ४३३०
खंधकरणी उ चउहत्थवित्थरा खंधे दुवार संजति खज्जूरमुद्दियादाडिमाण खमए लभ्रूण अंबले खमएण आणियाणं खमओ व देवयाए खमगस्साऽऽयरियस्सा खमणं मोहतिगिच्छा खमणे य असज्झाए खरंटण वेंटिय भायण खरए खरिया सुण्हा खरओ त्ति कहं जाणसि खरफरुसनिट्टराई खरसज्झं मउयवई खरिया महिड्ढिगणिया खलुए एगो बंधो खाणुग-कंटग-वाला खाणू कंडग विसमे खामिंतस्स गुणा खलु खामितवोसविताई खामितवोसवियाई खामिय वितोसिय खिंसाए होंति गुरुगा खिंसावयणविहाणा खिंसिज्जइ हम्मइ वा खित्तं वत्थु सेतुं खित्तबहिया वि आणे खित्तम्मि जम्मि खित्ते खित्तस्स उ पडिलेहा खित्ताऽऽरक्खिणिवेयण खित्ताइ मारणं वा
२९६८ ५५५७ २८५० ५५५० २९५४ ४५५७ ६१५४ ५७५० ६१२६ २५२८ ३८७० ४३७९ ४००७ १३७० ६११८ ६१२८ २६७८ ४१४६ ६१२५ १२६० ४७६४ १९०४ ४२४४ २०५२ ५४३२ ५७२४
खित्ते काल चरित्ते खित्तोग्गहप्पमाणं खीणकसाओ अरिहा खीणेहि उ निव्वाणं खीरं वच्छुच्छिद्रं खीरदधीमादीण य खुड्डं व खुड्डियं वा खुड्डग ! जणणी ते मता खुड्डी थेराणऽप्पे खुद्दो जणो णत्थि ण यावि दूरे खुहिया पिपासिया वा खेत्तं चलमचलं वा खेत्तं तिहा करेंता खेत्तंतो केत्तबहिया खेत्तंतो खेत्तबहिया खेत्तबहि अद्धजोअण खेत्तम्मि खेत्तियस्सा खेत्तम्मि य वसहीय य खेत्तस्संतो दरे खेत्ताइऽकोविओ वा खेत्ते काल चरित्ते खेत्ते काल चरित्ते खेत्ते जं बालादी खेत्ते भरहेरवएसु होति खेत्तेण य कालेण य खेत्तोवसंपयाए खेदविणोदो सीसगुणदीवणा खेयविणोदो साहसजओ गंडी कच्छति मुट्ठी गंतव्वदेसरागी गंतुमणा अन्नदिसिं
१६३४ ४६५३ १७८१ २६८८ १७४५ ५३०० ५०९५ ६०७५ २९८८ ३२३९ ४५९३ ४८४४ १४८२ ५८४२ ५८३८ १८९४ ५३९४ ४६५४ ४८४६ २७३१ १४१३ १४२९ ३०७५ १४३१ ४२४६ ५४०८ १२१५ १२८९ ३८२२ ३०६७ ३१५३
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