Book Title: Kappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Author(s): Bhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman, 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

View full book text
Previous | Next

Page 217
________________ १०६० भासगाहाणं अकारादिकमो गहियाऽगहियविसेसो गाउअ दुगुणादुगुणं गाउय दुगुणादुगुणं गामऽन्भासे बदरी गामनगराइएसुं गामाइयाण तेसिं गामाणुगामियं वा गामेणाऽऽरण्णेण व गामेय कुच्छियाऽकुच्छिया गारविए काहीए गावो तणाति सीमा गावो वयंति दूरं गाहा अद्धीकारग गाहिस्सामि व नीए गिण्हंति सिज्झियाओ गिण्हइ णामं एगस्स दोण्ह गिण्हणे गुरुगा छम्मास गिण्हामि अप्पणो ता गिम्हासु तिन्नि पडला गिम्हासु पंच पडला गिम्हासु होति चउरो गिरि नइ तलागमाई गिरिजन्नगमाईसु व गिरिनदि पुण्णा वाला गिलाणतो तत्थऽतिभुंजणेण गिहवासे वि वरागा गिहि अण्णतित्थि पुरिसा गिहि जोइं मग्गंतो गिहिउग्गहसामिजढे गिहिएसु पच्छकम्म गिहिगम्मि अणिच्छंते ४५९० ३४४० ३४६६ ५२९८ २१२५ ४८४० ३१५२ ६२७४ २३९१ १७०३ १०९६ १०९७ ४५६९ २७५४ १७२५ ५५४७ २५०० १५९६ ३९७४ ३९७६ ३९७५ २९६१ २८५५ ५६४६ ३१६७ ५०९० ६१७४ २९४९ ४७६३ ५२४३ २९५१ गिहिणं भणंति पुरओ गिहिणिस्सा एगागी गिहियाणं संगारो गिहिलिंगस्स उ दोण्णि वि गिहिसंति भाण पेहिय गीतऽज्जाणं असती गीतत्थो जतणाए गीतमगीतो गीते गीयत्थग्गहणेणं गीयत्थग्गहणेणं गीयत्थग्गहणेणं गीयत्थे आणयणं गीयत्थे ण मेलिज्जति गीयत्थे पव्वावण गीयत्थेसु वि एवं गीयत्थेसु वि भयणा गीयमगीया अविगीयपच्चयट्ठा गीया पुरा गंतु समिक्खियम्मि गीयाण विमिस्साण व गीयाणि य पढियाणि य गुज्झंग वदण कक्खोरुअंतरे गुज्झंगम्मि उ वियर्ड गुत्ता गुत्तदुवारा गुत्ते गुत्तदुवारे गुत्ते गुत्तदुवारे गुम्मेहि आरामघरम्मि गुत्ते गुरु पाहुण खम दुब्बल गुरुओ गुरुतराओ गुरुओ चउलहु चउगुरु गुरुओ य होइ मासो गुरुगं च अट्ठमं खलु २९४७ ५९२७ ४७१७ ५१२२ १७२९ ६२८१ ४९४६ ५४५९ १८२७ १८६६ २९०८ १९३६ ५४६२ ५१४० ३३६१ १८४७ ३०१२ ३३०९ ५४६० २६०० ३७७६ ६२६५ २०५८ ३२२५ ३२३६ ३५१३ ४००८ ६०३९ ५०७७ ६०४१ ६०४३

Loading...

Page Navigation
1 ... 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314